पटना : महिला सशक्तिकरण की नई पहल: नवाचार और कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 11 मार्च 2025

पटना : महिला सशक्तिकरण की नई पहल: नवाचार और कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर

Women-empowerment-patna
पटना (रजनीश के झा)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा संचालित 7-दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन दिनांक 11 मार्च 2025 को दुल्हिन बाजार, पटना में हुआ । यह “निरंतर आय और कृषि स्थिरता के लिए सहभागी अनुसंधान अनुप्रयोग (PRAYAS) कार्यक्रम के अंतर्गत अनुसूचित जाति उप-योजना (SCSP) के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना था।  विदित हो कि पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिला किसानों को सिलाई मशीनें वितरित की गई थीं और वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा समय-समय पर इसका मूल्यांकन और प्रभाव आकलन भी किया गया। इसके उपरांत, इस वर्ष महिलाओं की सिलाई कौशल को और निखारने के दृष्टिकोण से दिनांक 1 से 7 मार्च 2025 तक 7-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया | 


महिला किसान गोष्ठी और कृषि संसाधन वितरण  

सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के उपलक्ष्य में संस्थान की महिला वैज्ञानिकों की टीम द्वारा एक महिला किसान संगोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने कृषि तकनीकों, पशुपालन, उद्यमिता और स्थायी आजीविका रणनीतियों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। साथ ही, महिला किसानों को सब्जियों के बीज और सिंचाई पाइप जैसे कृषि संसाधन वितरित किए गए, जिससे उनकी आजीविका सुधारने एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक महिला किसानों सहित लगभग 150 प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की। संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिला किसानों की भागीदारी न केवल उनकी आजीविका को सुधारती है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ाती है, जिससे वे अपने कौशल, पोषण सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को मजबूत कर सकें।  उन्होंने यह भी बताया कि सिलाई मशीन प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को अतिरिक्त आय के भी अवसर मिलेंगे । कार्यक्रम के दौरान डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि यह सशक्तिकरण ग्रामीण समुदायों के लिए दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव ला सकता है, जिससे टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा। डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग ने बताया कि महिलाएं कृषि और घरेलू आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यह पहल ग्रामीण समुदायों की आत्मनिर्भरता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा । इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. शिवानी, डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. रचना दुबे, डॉ. कुमारी शुभा, डॉ. कीर्ति सौरभ, डॉ. आरती कुमारी, श्रीमती नूपुर कुमारी, श्रीमती उषा किरण और श्री उमेश कुमार मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

कोई टिप्पणी नहीं: