मुजफ्फरपुर : नीतीश का शासनकाल लालू यादव के जंगलराज से भी बदतर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 9 मार्च 2025

मुजफ्फरपुर : नीतीश का शासनकाल लालू यादव के जंगलराज से भी बदतर

  • एक दिवसीय दौरे पर मुजफ्फरपुर पहुंचे प्रशांत किशोर का CM नीतीश कुमार पर सबसे बड़ा हमला, बोले  नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिखता

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मुजफ्फरपुर (रजनीश के झा) : प्रशांत किशोर एकदिवसीय दौरे पर मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं। जहां उन्होंने प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज बिहार की स्थिति लालू यादव के जंगलराज से भी ज्यादा बदतर हो चुकी है। नीतीश कुमार के शासनकाल में अधिकारियों का जंगल राज है। नीतीश कुमार की राजनीतिक नैतिकता खत्म हो चुकी है, एक समय था जब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे और पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना में 200 लोगों की मृत्यु पर, यही नीतीश कुमार इस्तीफा दे दिए थे, आज इनकी पार्टी विधानसभा में हार चुकी है। 243 में से सिर्फ 42 सीट है। लेकिन ये मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है, उन्हें सिर्फ कुर्सी पर बैठने है चाहे भाजपा के साथ रहे या फिर राजद के। जनता की समस्याओं से उन्हें कोई मतलब नहीं।  


PK ने बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी से पूछा सीधा सवाल - बिहार से 26 लाख करोड़ रुपए की पूंजी बैंकों के माध्यम से दूसरे राज्यों में क्यों गई, उनको बताना चाहिए कि सीडी रेशियो क्या है

प्रशांत किशोर ने बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी से सीधे सवाल किए। उन्होंने कहा कि RBI  का आंकड़ा बता रहा है कि 1990 से लेकर अभी तक, बैंकों के माध्यम से 26 लाख करोड़ रुपये की पूंजी दूसरे राज्यों में चली गई। उन्होंने सरकार से मांग की कि सीडी रेशियो के आंकड़े जनता के सामने रखें और बताएं कि आखिर बिहार की पूंजी राज्य में बाहर क्यों भेजा गया।


बिहार में ज्यादातर लोग 100 रुपए भी दिन में नहीं कमा रहे, मनरेगा के फंड का सही उपयोग नहीं कर पा रही है बिहार सरकार

प्रशांत किशोर ने बिहार में गरीबी और बेरोजगारी को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में 80% लोग रोज 100 रुपये भी नहीं कमा पाते।  बिहार में प्रतिव्यक्ति आय 34 हजार रुपए हैं। अगर पटना और बेगूसराय को हटा दें तो प्रतिव्यक्ति आय मात्र 25 हजार रुपए है। लेकिन सरकार मनरेगा जैसी योजनाओं के फंड का सही उपयोग नहीं कर पा रही है।

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