- 11 सौ से अधिक पार्थिव शिवलिंगों का किया गया अभिषेक
पंडित श्री व्यास ने कहा कि दुध, दही और शहद से अभिषेक करने से धन वृद्धि होती है। इसके साथ ही शहद से अभिषेक करने से पुरानी बीमारियां भी नष्ट हो जाती हैं। शहर को दूध और पानी में मिश्रित कर भगवान शंकर का अभिषेक करना चाहिए। दूध धर्म के और मन पर प्रभाव के दृष्टिकोण से सात्विक समझा जाता है। इसमें भी गाय का दूध सर्वाधिक पवित्र और अच्छा माना जाता है। शिवजी के रुद्राभिषेक में दूध का विशेष उपयोग होता है। शिवलिंग का दूध से रुद्राभिषेक करने पर समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। दूध का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है। जल में थोड़ा सा दूध डालकर स्नान करने से मानसिक तनाव दूर होता है और चिंताएं कम होती हैं।
जाप के साथ अभिषेक करने से लाभ मिलता है। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से हमारे जीवन में संकट टल जाते है। वेदों और पुराणों के अनुसार शिव अर्थात सृष्टि के सृजनकर्ता को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ नम शिवाय का जप ही काफी है। भोलेनाथ इस मंत्र से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं एवं इस मंत्र के जप से आपके सभी दु:ख, सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। सोमवार शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने आराध्य भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। शिवपूजा का सर्वमान्य पंचाक्षर मंत्र नम: शिवाय,जो प्रारंभ में ऊ के संयोग से षडाक्षर हो जाता है, भगवान शिव को शीघ्र ही प्रसन्न कर देता है। नम: शिवाय का मंत्र समाहित होने पर संपूर्ण शास्त्र ज्ञान एवं शुभ कार्यों का ज्ञान स्वयं ही प्राप्त हो जाता है। यह मंत्र शिव तथ्य है जो सर्वज्ञ, परिपूर्ण और स्वभावत: निर्मल है इसके समान अन्य कोई नहीं है। भोले नाथ की कृपा पाने के लिए यह मंत्र बहुत प्रभावी है।

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