बैंगलोर में इसरो के प्रवक्ता के अनुसार, डॉ. कस्तूरीरंगन का शुक्रवार सुबह गार्डन सिटी में उनके आवास पर निधन हो गया।इसरो की तरफ से जारी अधिकारिक बयान में कहा गया कि उनके पार्थिव शरीर को रविवार 27 अप्रैल को प्रात: 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अंतिम दर्शन व श्रदांजलि देने के लिए बैंगलोर के रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में रखा जाएगा। देश में कई अंतरिक्ष मिशनों का नेतृत्व करते हुए चुनौतियों का सामना करने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष और अनुसंधान से जुड़े अपने लंबे कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले कस्तूरीरंगन राज्यसभा सांसद और योजना आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं I युवाओं के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कौशल आधारित शिक्षा पर ध्यान देने और पाठ्यपुस्तक आधारित शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने जैसी रणनीति नई शिक्षा नीति सलाहकार के रूप में उनकी सोच में शामिल थी I
पद्म विभूषण से सम्मानित एक दृढ़, व्यावहारिक शिक्षाविद के रूप में उन्हें शिक्षा पैनल का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति माना जाता था। डॉ. कस्तूरीरंगन लगभग 35 वर्षों तक इसरो से जुड़े रहे I 1994 से 2003 तक संगठन का नेतृत्व करते हुए सेवानिवृत्ति के बाद वर्ष 2003 में उन्हें छह साल के लिए राज्यसभा सांसद के रूप में नामित किए गया। वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के निदेशक भी रह चुके हैं I पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने उन्हें 2009 में पांच वर्ष के लिए योजना आयोग का सदस्य बनाया था Iकर्नाटक सरकार ने उन्हें 2008 में कर्नाटक बौद्धिक आयोग का प्रमुख बनाया। डा. कस्तूरीरंगन जेएनयू सहित कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़े रहे I उनके निधन पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, सहित देश भर के संस्थानों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया I
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