बैंगलोर : राज्यपाल ने ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल को दी मंजूरी, बेहतर प्रशासन व नागरिक सुविधाओं का दावा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 26 अप्रैल 2025

बैंगलोर : राज्यपाल ने ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल को दी मंजूरी, बेहतर प्रशासन व नागरिक सुविधाओं का दावा

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बैंगलोर, 25 अप्रैल, (विजय सिंह)। शुक्रवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के ग्रेटर बैंगलुरु गवर्नेंस  बिल पर हस्ताक्षर कर मंजूरी देने के साथ ही अधिकारिक रूप से ग्रेटर बैंगलुरु प्राधिकरण(जी.बी.ए.) के बहु प्रतीक्षित पुनर्गठन का मार्ग अब प्रशस्त हो गया है, जो बृहत् बैंगलोर महानगरपालिका(बीबीएमपी) को विभक्त कर छोटे-छोटे नगर निकायों में गठित कर ग्रेटर बैंगलोर प्राधिकरण के दिशा निर्देश में नागरिक सुविधाओं व विकास कार्यों का परिचालन तथा  प्रबंधन करेगी। इसके पूर्व मार्च माह में राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को पुन: स्पष्टीकरण के लिए राज्यपाल ने सरकार के पास वापस भेज दिया था और आज पुन: प्रस्तुत संशोधित विधेयक को, राज्यपाल ने  स्वीकार कर मंजूरी प्रदान कर दी, जिससे बेंगलुरु नगर प्रशासन के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया । ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी, जो एक दूरगामी योजना के तहत विकास योजनाओं की निगरानी और समन्वय करेगी।नए कानून में दस नगर निगमों के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है, जिनसे नागरिक सेवाओं में उत्कृष्टता के साथ प्रशासनिक दक्षता में सुधार होने की उम्मीद बैंगलोरवासियों को है।


विधेयक का एक प्रमुख घटक वार्ड समितियों का सशक्तिकरण है, जो प्रशासकीय प्रबंधन के लिए जमीनी स्तर की प्रशासनिक इकाइयाँ होंगी।इन समितियों से अधिक सामुदायिक भागीदारी व राजनीतिक जवाबदेही को मजबूत करने के साथ ज्यादा दायित्वपूर्ण निर्णय लेने की उम्मीद की जाती है।इसके अलावा  विभिन्न नागरिक सेवा एजेंसियों को अधिक पारदर्शी, समावेशी और जवाबदेह बनाने की उम्मीद है, चाहे वह परिवहन हो, या पानी, बिजली या सड़कें हों। रेसिडेंट वेलफेयर सोसाइटियों को उम्मीद है कि यह कदम नागरिकों के लिए बेहतर सेवाओं को विकसित करने में मददगार साबित होगा ।ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल राज्य की बहुप्रसिद्ध राजधानी बैंगलोर के लिए एक परिवर्तनकारी कदम साबित हो सकता है जो नागरिक प्रबंधन में सुधार करने और स्थानीय समुदायों को अधिक सशक्त बनाने में मदद कर सकता है। विधेयक में विकेंद्रीकृत शासन को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने और सहभागी और उत्तरदायी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए कई नगर निगमों (दस की संख्या तक) के निर्माण का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में जी. बी. ए. इन निगमों और एजेंसियों में विकास की देखरेख और समन्वय करेगा।विधेयक का उद्देश्य वार्ड समितियों को सशक्त बनाना और राजनीतिक जवाबदेही बढ़ाना भी है।

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