पटना : हर दिन कुछ नया सीखें : डॉ. एस.एस. राठौर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 10 अप्रैल 2025

पटना : हर दिन कुछ नया सीखें : डॉ. एस.एस. राठौर

Iari-patna
पटना (रजनीश के झा)। आईएआरआई-पटना हब के छात्रों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में डॉ. एस.एस. राठौर, प्रमुख, सस्य विज्ञान विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली के साथ एक प्रेरणादायक संवाद सत्र का आयोजन किया गया। डॉ. राठौर का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने सस्य विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. राठौर के बहुमूल्य योगदान की सराहना की और कहा कि उनका व्यापक अनुभव छात्रों को व्यावहारिक समझ प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे वे भविष्य में आने वाली चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकेंगे।


अपने संबोधन में डॉ. राठौर ने ऐसे संवाद सत्रों को आपसी सीख का महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चर्चाएं न केवल छात्रों को अपने संदेह दूर करने का अवसर देती हैं, बल्कि ये नए विचारों और दृष्टिकोणों को जन्म देने में उत्प्रेरक का कार्य भी करती हैं। उन्होंने कहा, "विकास का मूलमंत्र है – हर दिन कुछ नया सीखना," और इस बात पर बल दिया कि जिज्ञासु बने रहना और सतत सीखने की प्रक्रिया से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को दैनिक रूप से अपने ज्ञान को अद्यतन करने और रोज़गारोन्मुख कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, जिससे उनके लिए बेहतर करियर के रास्ते खुल सकें। अपने प्रेरणादायक शब्दों में उन्होंने कहा, "आप किसी से कम नहीं हैं," और विश्वास रखते हुए पूरे समर्पण के साथ सीखने की प्रक्रिया को अपनाने का आग्रह किया।


डॉ. अनुप दास ने भी छात्रों के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया और उन्हें साधारण से ऊपर उठने की प्रेरणा दी। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्र दो से तीन के छोटे-छोटे समूह बनाकर उन विषयों पर खुद के नोट्स तैयार करें, जिनमें उनकी विशेष रुचि हो। डॉ. दास ने कहा कि आत्म-शिक्षा उनकी शैक्षणिक यात्रा और भविष्य की सफलता का एक अहम हिस्सा होगी। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, "ज्ञान का इंतजार मत करो, खुद आगे बढ़कर उसे खोजो।" संवाद सत्र के समापन के बाद, डॉ. राठौर और डॉ. अनुप दास ने सबजपूरा प्रक्षेत्र का दौरा किया, जहाँ उन्होंने चल रही परियोजनाओं का अवलोकन किया । कार्यक्रम का समन्वय डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा किया गया। यह सत्र छात्रों के लिए एक अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक अनुभव सिद्ध हुआ।

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