- विद्यार्थियों को एन्टरप्रिन्योर बनाने के लिए डबल इंजन सरकार कटिबद्ध : कपिल देव
भारतीय शिक्षण मंडल मेरठ प्रांत के अध्यक्ष एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि केन्द्र सरकार कौशल विकास के लिए हर साल 60 हजार करोड़ रुपये का बजट बनाती है। इसमें से 30 हजार करोड़ राज्य सरकार देती है तो 20 हजार करोड़ केन्द्र सरकार, बाकी के दस हजार करोड़ रुपये देश की विभिन्न कंपनियों से सीएसआर के नाम पर मिलता है। डॉ. गदिया ने बताया कि मेवाड़ में विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अलावा कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है। अगर मेवाड़ और सरकार मिलकर इस क्षेत्र में काम करें तो हर साल 50 हजार युवाओं के लिए रोजगार सृजित किये जा सकते हैं। उन्होंने समान पाठ्यक्रम-समान शिक्षा पर भी बल दिया। उन्होंने कौशल विकास के और भी तरीकों पर रोशनी डाली। भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुनील शर्मा और विश्वकर्मा टेक्निकल यूनिवर्सिटी की डिप्टी रजिस्ट्रार एवं मंडल की सह सम्पर्क प्रमुख डॉ. चंचल भारद्वाज ने भी कौशल विकास के महत्व पर प्रकाश डाला। समारोह में मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से चार चांद लगा दिये। अतिथियों को स्मृति चिह्न और अंगवस्त्र आदि भेंट कर सम्मानित किया गया। अंत में भारतीय शिक्षण मंडल मेरठ प्रांत की उपाध्यक्ष एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा में कौशल विकास बहुत महत्वपूर्ण है। यह विद्यार्थियों को व्यावहारिक कौशल प्रदान करता है, जो उन्हें नौकरी और जीवन के लिए तैयार करता है। कौशल विकास से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है। वे अपनी रचनात्मकता को भी विकसित करते हैं। समारोह का संचालन अमित पाराशर ने किया।
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