उन्होंने बरेली में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए स्वयं प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाना शुरू किया, बल्कि स्कूल वालंटियर अभियान के माध्यम से लोगों को भी प्रेरित किया। उनकी पहल के बाद शिक्षित लोग समय निकालकर स्वयं सेवा के रूप में बच्चों को पढ़ाने के लिए आगे आए। आइएएस बनने से पहले ये भारतीय राजस्व सेवा में चयनित हुए थे। खास यह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में मतदान प्रतिशत के मामले में फर्स्ट डिवीजन प्राप्त करने के लिए उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने यह कीर्तिमान स्थापित करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। उसी का परिणाम रहा कि 20 मई को 2615 बूथों पर मतदाताओं का हुजूम उमड़ा और सर्वाधिक 67.20 प्रतिशत रिकार्ड मतदान हुआ। वे बरेली में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात रह चुके है। मनोरंजन सदन के प्राथमिक विधालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि स्कूल में तैनात शिक्षक छुट्टी पर थे और बच्चों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही पढ़ा रहा था। इस स्कूल में 34 बच्चों का पंजीकरण है जबकि पढ़ने के लिए उस दिन सिर्फ नौ बच्चे ही उपस्थित थे। सीडीओ रहते हुए उन्होंने जब बच्चों से नाम लिखवाया तो स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में महज एक बच्चा ही अपना नाम लिख पाया। जिस पर सीडीओ ने खुद ही बच्चों पढ़ाने की ठानी और स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। सीडीओ की पढ़ाई का असर भी दिखने लगा है पहले जो बच्चे अपना नाम नहीं लिख पाते थे अब वही बच्चे हिंदी और अंग्रेजी में अपना नाम लिखने लगे है। वे सप्ताह में तीन बार कार्यालय जाने से पहले बच्चों को पढ़ाने पहुंचते थे। यहां जिक्र करना जरुरी है कि वे भी सरकारी प्राइमरी स्कूल के छात्र रह चुके है। बता दें, वाराणसी में डीएम रहे एस. राजलिंगम को जिले का मंडलायुक्त बना दिया गया है। शासन की तरफ से जारी सूची के अनुसार कमिश्नर कौशल राज शर्मा को सीएम का सचिव बनाया गया है। कोषागार में सीडीओ हिमांशु नागपाल,एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम प्रोटोकाल चंद्र प्रकाश, सीटीओ गोविंद सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
काशी के नए कमिश्नर एस. राजलिंगम
काशी के नए कमिश्नर एस. राजलिंगम होंगे। वह अब तक यहां डीएम के पद पर थे। 2009 बैच के आईएएस एस. राजलिंगम 2012 में औरेया के डीएम बने। इसके अलावा सुल्तानपुर, अयोध्या, सोनभद्र, कुशीनगर समेत कई जिलों के जिलाधिकारी पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा कई मंत्रालयों में सचिव भी रहे हैं। राजलिंगम वाराणसी में 58वें जिलाधिकारी के तौर पर पांच नवंबर 2022 को कार्यभार संभाला था। लगभग ढाई साल के कार्यकाल में उन्होंने काशी में प्रधानमंत्री के कई कार्यक्रमों को सकुशल सम्पन्न कराया। काशी तमिल संगमम जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए उन्हें जाना जाता है। वह पहले आईपीएस अधिकारी भी रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव समेत जन-जन से जुड़े कई कार्यक्रमों में उन्होंने एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी की छाप छोड़ी। इसका परिणाम कहा जा सकता है कि उन्हें वाराणसी मंडल के आयुक्त पद की जिम्मेदारी दी गई। राजलिंगम को कुशीनगर से वाराणसी भेजा गया था। उभ्भा नरसंहार कांड के बाद राजलिंगम को सोनभद्र का डीएम बनाया गया था तो उन्होंने इस विवाद को बेहतर तरीके से संभाला था।
पहले आइपीएस भी रह चुके हैं एस राजलिंगम
एस राजलिंगम मूल रूप से तमिलनाडु के तिरुवली के निवासी हैं। इंजीनियरिंग के स्टूडेंट और आइपीएस भी रह चुके हैं। एनआइटी त्रिचरापल्ली से 2009 में सिविल सर्विस में आने के बाद राजलिंगम की पहली तैनाती बांदा जनपद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश में कई प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
कौशल राज शर्मा अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव होंगे
हीं 2019 से काशी में तैनात प्रधानमंत्री के पसंदीदा अफसरों में शुमार कौशल राज शर्मा अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव होंगे। कौशल राज शर्मा को 2 नवंबर 2019 को काशी में डीएम नियुक्त किया गया था। 2022 में उनका प्रमोशन कमिश्नर के पद पर हुआ और उन्हें प्रयागराज भेज दिया गया लेकिन 24 घण्टे में ही पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद उनका ट्रांसफर रद्द होना उस समय चर्चा का विषय वना था। उन्हें काशी में कमिश्नर बनाया गया। प्रधानमंत्री के सभी महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की वह खुद सीधे निगरानी करते थे। माना जाता है कि 2019 में केंद्र के कई प्रोजेक्ट काशी में चल रहे थे और स्मार्ट सिटी के कामो ने भी उसी समय रफ्तार पकड़ी थी। ऐसे में केंद्र चाहता था कि वही इन प्रोजेक्ट को देखे ताकि समय सीमा में सभी काम पूरे हो। उनके डीएम और कमिश्नर कार्यकाल में वाराणसी में करीब 30 हजार से अधिक कार्यों का लोकार्पण किया गया। इधर 2022 से डीएम के रूप में काम कर रहे एस राजलिंगम की छवि कुशल प्रशासकों की बनी और 2024 के चुनाव भी उनकी देखरेख में शांतिपूर्ण सम्पन्न हुए। पीडब्ल्यूडी से जुड़े प्रोजेक्ट ने उनके कार्यकाल इन रफ्तार पकड़ी और आईजीआरएस पोर्टल में भी जिला कई बार अव्वल बना। मौजूदा समय में भी आयुष्मान योजना समेत अन्य कई योजनाओं में जिला उत्तर प्रदेश में टॉप पर है।
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