पटना : आतंकवाद के खिलाफ निंदा प्रस्ताव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025

पटना : आतंकवाद के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

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पटना (रजनीश के झा). हम बिहार प्रांत के इंडिया गठबंधन (भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन) के सभी दल एक स्वर में कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले की कठोर भर्त्सना करते हैं.यह पाकिस्तान-परस्त आतंकवादी अमानवीय और कायराना हमला भारत माँ की अस्मिता पर सीधा प्रहार है.देश के विभिन्न प्रांतों से कश्मीर गए पर्यटकों की आतंकवादियों ने निर्दयता और निर्ममतापूर्वक नृशंस हत्या की है, जिसमें हमारे बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले मनीष रंजन जी भी शामिल हैं. हम मारे गए सभी पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि मृतकों के परिजनों को ईश्वर संबल प्रदान करे.हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से कठोरतम कार्यवाही कर उसे जड़ से उखाड़ फेंके. आज प्रतिपक्ष दल होने के नाते हमें अपने प्रजातांत्रिक दायित्वों का भान भी होना चाहिए. इसलिए देश और बिहार की जनता के मन में उठ रहे कुछ यक्ष प्रश्न हम बिहार की और देश की सरकार से पूछना चाहते हैं.इन प्रश्नों की प्रासंगिकता इसलिए और अधिक हो जाती है क्योंकि प्रधानमंत्री जी आज एक राजनीतिक कार्यक्रम में बिहार आए हैं.

1. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए नेवी के शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की बहन सृष्टि ने कहा -  ‘‘विनय 1 घंटा, 30 मिनिट तक जिंदा थे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया’’.

2. प्रश्न यह उठता है कि जब एक ही स्थान पर लगभग दो हजार पर्यटक मौजूद थे, तो उनकी सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए? उनके लिए एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था?

3. जबकि सरकार को यह पता था कि जम्मू कश्मीर में 2014 से अब तक 3,982 आतंकी घटनाएं हुई हैं, जिनमें 413 आम लोगों की हत्याएं हुई हैं और 630 सुरक्षा बल के लोग शहीद हुए हैं.इस गंभीर लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा?

4. केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से तमाम विपक्षी नेताओं के पीछे देश की अधिकांश जाँच एजेंसियां लगाती है, लेकिन आतंकियों के पीछे ये ऐसा क्यों नहीं कर पाती? आतंकियों के खिलाफ सरकार की Intelligence  और  Surveillance क्यों फेल हो जाती है?

5. पुलवामा कांड की जांच का क्या हुआ? पुलवामा कांड को 6 वर्ष से अधिक हो गए हैं, लेकिन उनकी जांच की प्रगति जीरो है.सरकार ने अब तक यह क्यों नहीं बताया कि 200-300 किलो आरडीएक्स कहाँ से आया? सीआरपीएफ के वीर शहीदों और उनके परिजनों को क्या न्याय मिला?

6. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा समय-समय पर बिहार के अनेक श्रमिक भाइयों की हत्या की गयी है. सरकार बताए इसका जिम्मेदार कौन है? श्रमिक भाइयों के परिजनों के लिए उन्होंने क्या किया?

7. सरहद पार से आतंकी देश में आ रहे हैं, तो यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. यह बहुत बड़ा Security Lapse है.पहलगाम में आतंकियों ने आकर रेकी भी की होगी, वारदात की जगह भी चुनी होगी, लेकिन इस बीच हमारा Intelligence System क्या कर रहा था? उनकी जवाबदेही कौन तय करेगा?

8. भारतीय जनता पार्टी, केंद्र सरकार और गोदी मीडिया के द्वारा आतंकी घटना को सांप्रदायिक रंग देना सरकारी की नाकामी का प्रत्यक्ष प्रमाण है। बीजेपी की ऐसी पहल देश, संविधान, लोकतंत्र और मानवता के लिए घातक है। महागठबंधन इसकी निंदा करता है.

9. क्या बिहार की सरकार ने कश्मीर में पर्यटन के लिए गए अपने नागरिकों की मदद के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया? क्या अपने किसी मंत्री की तैनाती वहां की ताकि बिहार के नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके ?

10. क्या बिहार सरकार प्रधानमंत्री की रैली में इतनी व्यस्त थी कि उसे अपने नागरिकों की सुध लेने का भी समय नहीं था?

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