पटना : किसानों के बीच तकनीकी जागरूकता का सफल आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 31 मई 2025

पटना : किसानों के बीच तकनीकी जागरूकता का सफल आयोजन

Farmer-awareness-bihar
पटना (रजनीश के झा)। विकसित भारत के निर्माण हेतु चल रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत तीसरे दिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा पटना, नवादा, अरवल, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर तथा गया जिलों में बहुआयामी कृषि जागरूकता एवं तकनीकी प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया। इस अभियान में संस्थान के वैज्ञानिकों की टीमों ने इन जिलों का भ्रमण किया, जिसमें संबंधित जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों के कृषि विशेषज्ञों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रमों के संचालन में आत्मा परियोजना के अंतर्गत कार्यरत एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी और ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अतिरिक्त ‘जीविका’ के माध्यम से महिला कृषकों की भी उत्साहपूर्ण और प्रभावी भागीदारी दर्ज की गई, जो ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।


अभियान के दौरान किसानों को पोषण वाटिका, संरक्षण कृषि, कीट प्रबंधन जैसे समसामयिक विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। साथ ही, राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मिट्टी परीक्षण, उन्नत बीज एवं कृषि यंत्रों के उपयोग,  जैविक एवं प्राकृतिक खेती तथा सिंचाई प्रबंधन जैसे विविध विषयों पर जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। इस व्यापक कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से परिचित कराना, कृषि में नवाचार को बढ़ावा देना, तथा क्षेत्र विशेष की कृषि समस्याओं के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत करना था। वैज्ञानिकों ने फसल उत्पादन की लागत को कम करने एवं लाभ को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक फसलों की जानकारी भी दी, जिससे सतत कृषि विकास को बल मिल सके। कार्यक्रम की सफलता में संबंधित जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों तथा ग्रामीण समुदाय का भरपूर सहयोग मिला। संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने बताया कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा किए जा रहे कार्य किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। इससे न केवल किसानों में तकनीकी जागरूकता का प्रसार हो रहा है, बल्कि उनकी आयवृद्धि की दिशा में एक सार्थक कदम भी उठाया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: