कल्पना से परे... चुन-चुनकर बदला... और देश जैसा चाहता था वैसा ही हुआ... जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही हुआ. पाकिस्तान के वो 9 आतंकी ठिकाने.. जहां भारतीय सेना ने मिसाइलें बरसाकर उन्हें मिट्टी में मिला दिया है। पीएम मोदी की निगरानी में हुई आतंकियों पर ये स्ट्राइक इतनी भयानक थी कि 100 से अधिक आतंकियों की मौत हुई है. लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आशियानों या यूं कहे ट्रेनिंग सेंटरों को भारी नुकसान पहुंचा है. भाई, बहन व पत्नी की मौत के गम में डूबा भारत का मोस्ट वांटेड मसूद अजहर खुद अपनी बर्बादी का दास्ता चीख-चीख कर बता रहा है. ऑपरेशन सिंदूर पहलागाम हमले में मारी गई उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पति की हत्या उनकी आंखों के सामने ही आतंकवादियों ने की थी. “ऑपरेशन सिंदूर“ ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को स्पष्ट कर दिया कि अब जवाब ‘सर्जिकल’ या ‘एयरस्ट्राइक’ तक सीमित नहीं, बल्कि व्यापक और निर्णायक होगा
भारत के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर “सटीक, संयमित और गैर-वृद्धिकारी” था, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोई भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा निशाना नहीं बनी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं ने इस कार्रवाई को पहलगाम हमले का जवाब बताते हुए इसे “न्याय” करार दिया। इस एअर स्ट्राइक के बाद जापान, रुस और अमेरिका जैसे देशों का साथ खड़े होना भी भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि है. सभी ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात भी कही. पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और मददगारों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान जब वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक समर्थन बहुत मायने रखता है, तब पुतिन और मोदी की यह प्रतिबद्धता बहुत आश्वस्त करती है कि रूस और भारत के संबंध बाहरी प्रभाव से प्रभावित नहीं हैं और लगातार विकसित होते रहेंगे. विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार के रुख को सही ठहराया. सोशल मीडिया पर “जय हिन्द“, “बदला पूरा हुआ“ जैसे ट्रेंड्स कर रहे हैं। मतलब साफ है यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है, तो संघर्ष और गंभीर हो सकता है. ऑपरेशन सिंदूर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक नया अध्याय है। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा। आतंकवाद को जड़ से मिटाने का यह संकल्प, न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि भारत की वैश्विक छवि को भी सुदृढ़ करता है।
सिंदूर का महत्व
सनातन में सिंदूर का विशेष महत्व है। इसका धार्मिक और सांस्कृतिक आधार है। सिंदूर सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक ही नहीं, बल्कि इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सिंदूर को विवाहित महिलाओं के सौभाग्य और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। मांग में सिंदूर भरना यह दर्शाता है कि महिला विवाहित है और अपने पति की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना करती है। मान्यता है कि यह परंपरा माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह से चली आ रही है। सिंदूर को देवी लक्ष्मी और दुर्गा से भी जोड़ा जाता है। इसे शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सिंदूर लगाने से महिलाओं के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन बना रहता है।
सिंदूर का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो सिंदूर मुख्य रूप से पारा (मर्करी), हल्दी, और चूने का मिश्रण होता है। पारा मानसिक तनाव को कम करने और तंत्रिका तंत्र को शांत करने में सहायक होता है। सिंदूर मांग के जिस स्थान पर लगाया जाता है। वह स्थान महिला के मस्तिष्क के सामने वाले हिस्से से जुड़ा होता है, जो मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
कहां कौन बना निशाना
सरजल, तेहराकलां-जैश ए मोहम्मद
मरकज सुभान अल्लाह-जैश ए मोहम्मद
मरकज अब्बास कोटली-जैश ए मोहम्मद
सैयदाना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद-जैश ए मोहम्मद
मरकज तैयबा, मुरीदके- लश्कर ए तैयबा
मरकज अहले हदीस, बरनाला- लश्कर ए तैयबा
शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबादञलश्कर ए तैयबा
महमूना जोया, सियालकोट- हिजबुल मुजाहिदीन
मस्कर राहील शाहिद, कोटली- हिजबुल मुजाहिदीन
उरी सर्जिकल स्ट्राइक
ऑपरेशन सिंदूर से पहले भी भारतीय सेना पाकिस्तान और आतंकवादियों को अपनी ताकत का एहसास करा चुकी है. वर्ष 2016 में भारतीय सेना ने एलओसी पार करके आतंकियों के अड्डों को तबाह किया था. इस हमले में 40 आतंकियों को भी मार गिराया गया था. भारत ने ऑपरेशन 18 सितंबर 2016 को उरी सेक्टर आर्मी हेडक्वार्टर में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए किया था. आतंकी हमले के 10 दिन के अंदर ही 28 सितंबर को भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने रात को एलओसी पार की और वहां मौजूद आतंकी अड्डे को तबाह किया थे. इसके बाद सकुशल भारतीय सीमा में वापस आ गए थे. इस सर्जिकल स्ट्राइक से भारत ने दुश्मन के घर में घुसकर मारने की क्षमता का प्रदर्शन किया था.
पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक
भारतीय सेना ने पुलवामा हमले के बाद भी एक ऑपरेशन किया था. इसमें एयर स्ट्राइक करके पाक अधिकृत कश्मीर के बालाकोट में आतंकी ठिकाने नष्ट किए थे. 14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था. आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. इस हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इस एयर स्ट्राइक में 200 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की सूचना थी.
पाकिस्तान नहीं ले रहा सबक
पाकिस्तान ने अपनी गलतियों से कभी सबक नहीं लिया, अगर वह अपनी गलतियों से सबक लेता, तो वह इतना बदहाल और बेबस ना होता. पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी मुल्क भारत से हमेशा बैर किया, जबकि पाकिस्तानियों के रग में हिंदुस्तान का ही खून दौड़ता है. उनकी सभ्यता-संस्कृति सबकुछ भारत की ही देन है. धर्म के नाम पर देश के दो टुकड़े करने वाला पाकिस्तान अगर यह समझ गया होता कि उसने बंटवारा करके बहुत बड़ी गलती की है, तो वह भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाता, लेकिन उसने भारत की ओर बम और गोले फेंके. भारत के अभिन्न अंग कश्मीर पर नजर गड़ाकर वह हमेशा मुंह की खाता रहा है, फिर भी कश्मीर को लेकर उसकी जो वासना है वह कम होने का नाम ही नहीं लेती है.
1965 में पाकिस्तान ने फिर की कश्मीर में घुसपैठ
पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जिसकी गिद्ध दृष्टि कश्मीर पर हमेशा लगी रहती है. उसकी कोशिश यह रहती है कि वह किसी तरह कश्मीर पर अपना हक जमा ले. अपनी इस नापाक कोशिश में पाकिस्तान कई बार मुंह की खा चुका है, लेकिन पाकिस्तान की निर्लज्जता जाती नहीं और वह लगातार इस कोशिश में रहता है कि वह किसी तरह कश्मीर में अपनी घुसपैठ कर ले. बंटवारे के बाद से अबतक पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर भारत के साथ कई युद्ध किए हैं और जब उसे युद्ध में सफलता नहीं मिली तो उसने आतंकवाद को बढ़ावा देकर कश्मीर को अशांत किया है.
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी
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