- अखंड शिव सहस्त्रधारा अभिषेक-भगवान शिव को 1008 नाम के साथ अर्पित
शिव प्रदोष सेवा समिति के मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि वैशाख मास में पूरे माह अखंड शिव सहस्त्रधारा अभिषेक के बाद सहस्त्रार्चन होगा। जिसमें विल्व पत्र, वेल, केला, धतूरा, पेड़ा, लौंग, इलाइची, गुलाब पुष्प, काजू, बादाम, किसमिस, सुपाड़ी, जनेऊ, गंध आदि साम्रगी भगवान शिव को 1008 नाम के साथ अर्पित की जाएगी। हर सामग्री 1008 संख्या में ही होगी। उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु से सुदर्शन चक्र प्राप्त करने के लिए काशी में जाकर मणिकर्णिका घाट पर ब्रह्ममुर्हूत में सुबह 4 बजे गंगा स्नान करके भगवान शिव का सहस्त्रधारा अभिषेक एवं सहस्त्रार्चन किया था। इससे प्रसन्न होकर शिवलिंग से प्रकट हुए भगवान शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र भेंट किया था। तभी से यह सहस्त्रधारा और सहस्त्रार्चन अनुष्ठान शुरू हुआ। इस दिव्य अनुष्ठान में सिद्धपुर की धरा पर सीवन नदी के तट पर नूतन हिन्दु नव वर्ष के प्रथम चैत्र मास की चैत्र सुदी पूर्णिमा से वैशाख सुदी पूर्णिमा तक विशेष शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान शास्त्र अनुसार पितृ हेतु वैशाख माह में जल का दान, घड़े का तथा भगवान शिव पर 1 मास कुंभ द्वारा महाअभिषेक एवं महा पारायण शुभ होता है। जन्म कुण्डली में अशुभ दोषों का निवारण, एवं महादशा, अर्न्तदशा, समस्त रोग, भय, पीड़ा, महामंगल दोष एवं शनि दोष की शांति, अगार मंगल दोष शांति, सर्ववाधा निवारण, पर मंत्र, पर यंत्र, पर तंत्र, शत्रुओं पर विजय पाना, सुख-शांति, ग्रह दोषों का निवारण, धन प्राप्ति, समस्त मनोकामना, मनोवांछित फल प्राप्ति समस्त दोषों का निवारण 1 माह तक चलने वाला दिव्य अनुष्ठान में गणेश अर्थव शीर्ष, श्री महामृत्युंजय जाप, श्री महारूद्र अभिषेक, श्री दुर्गा सप्ताशती चण्डी पाठ मंगल चण्डी विधान, श्री रामचरित्र मानस (मास पारायण) सुन्दर काण्ड, हनुमान चालीसा आदि किया जा रहा है।
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