- रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भाजपा करेगी भव्य आयोजन
- 21 से 31 मई तक महिला सशक्तिकरण व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी शृंखला
महिलाओं और युवाओं को जोड़ेगी पार्टी
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि जयंती वर्ष के दौरान महिला सशक्तिकरण पर विशेष फोकस रहेगा। छात्राओं के लिए विद्यालयों और महाविद्यालयों में दौड़, भाषण, निबंध, रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। रानी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित संगोष्ठियाँ भी आयोजित होंगी।
घाटों और मंदिरों पर होंगी आरती व पुष्पांजलि
जिन घाटों और मंदिरों का जीर्णोद्धार रानी अहिल्याबाई ने कराया था, वहां विशेष आरती का आयोजन होगा। साथ ही उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। पार्टी कार्यालयों पर उनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
हर स्तर पर होंगे आयोजन
भाजपा द्वारा विधानसभा, नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत और ब्लॉक स्तर पर महिला सशक्तिकरण सम्मेलन कराए जाएंगे। वहीं एनजीओ के सहयोग से विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन होगा। भाजपा नेताओं ने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने उस काल में देश के धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना कर “धर्मो रक्षति रक्षितः” की वैदिक भावना को जीवंत किया। उनका जीवन आज भी समाज को प्रेरणा देता है। पत्रकार वार्ता में क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह प्रभारी संतोष सोलापुरकर और किशोर सेठ भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने भी किया था सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा की स्थापना करते हुए उन्हें प्राचीनता और आधुनिकता का संगम बताया था। उन्होंने कहा था कि काशी से लेकर सोमनाथ तक जिन तीर्थों का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने कराया, वह आज देश के लिए प्रेरणा है।
विविध आयोजनों की रूपरेखा तैयार
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि त्रिशताब्दी वर्ष के अंतर्गत जिले से लेकर पंचायत स्तर तक निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे :
छात्राओं हेतु दौड़, भाषण, निबंध, वाद-विवाद, रंगोली एवं पेंटिंग प्रतियोगिताएं
महिला सशक्तिकरण सम्मेलन – ब्लॉक से लेकर नगर निगम स्तर तक
जिला संगोष्ठियाँ – रानी अहिल्याबाई के योगदान पर केंद्रित
आरती एवं पुष्पांजलि – उनके द्वारा जीर्णोद्धार किए गए मंदिरों पर
चित्र प्रदर्शनी – जिला कार्यालय पर जीवन दर्शन पर आधारित
विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में श्रद्धांजलि समारोह
अद्वितीय साहस और सेवा की प्रतीक

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