वाराणसी : प्राचीनता और आधुनिकता का संगम हैं रानी अहिल्याबाई होल्कर : अरुण पाठक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 18 मई 2025

वाराणसी : प्राचीनता और आधुनिकता का संगम हैं रानी अहिल्याबाई होल्कर : अरुण पाठक

  • रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भाजपा करेगी भव्य आयोजन
  • 21 से 31 मई तक महिला सशक्तिकरण व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी शृंखला

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वाराणसी (सुरेश गांधी)। पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी 21 मई से 31 मई तक देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। कार्यक्रमों का उद्देश्य रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन दर्शन, सांस्कृतिक पुनरुद्धार में योगदान तथा महिला सशक्तिकरण की भावना को जन-जन तक पहुँचाना है। शनिवार को भाजपा महानगर कार्यालय, गुलाब बाग में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी एमएलसी एवं जिला प्रभारी अरुण पाठक और महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने दी। उन्होंने रानी अहिल्याबाई को भारतीय सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना की अग्रदूत बताया। नेताओं ने कहा कि रानी अहिल्याबाई का जीवन भारतीय संस्कृति, सेवा और साहस का प्रतीक है। उन्होंने काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, रामेश्वरम्, केदारनाथ सहित देश के कई प्रमुख मंदिरों और तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम में उनकी प्रतिमा स्थापित कर उन्हें युगपुरुष बताया है।


महिलाओं और युवाओं को जोड़ेगी पार्टी

पत्रकार वार्ता में बताया गया कि जयंती वर्ष के दौरान महिला सशक्तिकरण पर विशेष फोकस रहेगा। छात्राओं के लिए विद्यालयों और महाविद्यालयों में दौड़, भाषण, निबंध, रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। रानी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित संगोष्ठियाँ भी आयोजित होंगी।


घाटों और मंदिरों पर होंगी आरती व पुष्पांजलि

जिन घाटों और मंदिरों का जीर्णोद्धार रानी अहिल्याबाई ने कराया था, वहां विशेष आरती का आयोजन होगा। साथ ही उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। पार्टी कार्यालयों पर उनके जीवन पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।


हर स्तर पर होंगे आयोजन

भाजपा द्वारा विधानसभा, नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत और ब्लॉक स्तर पर महिला सशक्तिकरण सम्मेलन कराए जाएंगे। वहीं एनजीओ के सहयोग से विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन होगा। भाजपा नेताओं ने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने उस काल में देश के धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना कर “धर्मो रक्षति रक्षितः” की वैदिक भावना को जीवंत किया। उनका जीवन आज भी समाज को प्रेरणा देता है। पत्रकार वार्ता में क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह प्रभारी संतोष सोलापुरकर और किशोर सेठ भी मौजूद रहे।


प्रधानमंत्री ने भी किया था सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा की स्थापना करते हुए उन्हें प्राचीनता और आधुनिकता का संगम बताया था। उन्होंने कहा था कि काशी से लेकर सोमनाथ तक जिन तीर्थों का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई ने कराया, वह आज देश के लिए प्रेरणा है।


विविध आयोजनों की रूपरेखा तैयार

पत्रकार वार्ता में बताया गया कि त्रिशताब्दी वर्ष के अंतर्गत जिले से लेकर पंचायत स्तर तक निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे :

छात्राओं हेतु दौड़, भाषण, निबंध, वाद-विवाद, रंगोली एवं पेंटिंग प्रतियोगिताएं

महिला सशक्तिकरण सम्मेलन – ब्लॉक से लेकर नगर निगम स्तर तक

जिला संगोष्ठियाँ – रानी अहिल्याबाई के योगदान पर केंद्रित

आरती एवं पुष्पांजलि – उनके द्वारा जीर्णोद्धार किए गए मंदिरों पर

चित्र प्रदर्शनी – जिला कार्यालय पर जीवन दर्शन पर आधारित

विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में श्रद्धांजलि समारोह


अद्वितीय साहस और सेवा की प्रतीक

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