- वक्फ संपत्तियों पर कब्जे की साजिश, कानून की वापसी हो : शशी यादव
सभा में भाकपा (माले) मधुबनी जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण ने भी कानून की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, "संविधान का अनुच्छेद 25 और 26 हर धार्मिक समुदाय को अपनी आस्था के अनुसार संस्थाएं स्थापित करने और उन्हें संचालित करने का अधिकार देता है। वर्तमान वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों को इस अधिकार से वंचित करता है।" उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों के गठन में किए गए संशोधन और वक्फ दाता पर पाँच वर्ष तक 'प्रैक्टिसिंग मुस्लिम' होने की शर्त न केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि शरीअत के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करती है। सभा में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वक्फ संशोधन कानून न केवल अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का हनन है, बल्कि यह लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ भी है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि देशहित और सामाजिक सौहार्द को बचाने के लिए इस कानून को तुरंत वापस लिया जाए।
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