सीहोर : 1008 कलश के जल से किया भगवान शिव का अभिषेक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 12 मई 2025

सीहोर : 1008 कलश के जल से किया भगवान शिव का अभिषेक

  • आज किया जाएगा हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ

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सीहोर।  शहर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। महापर्व के अंतर्गत सोमवार को सुबह पांच बजे से मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा 1008 कलश के जल से भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया गया और यहां पर जारी महायज्ञ में आहुतियां दी। पूरे वैशाख माह में यहां पर 29 दिवस में करीब 600 से अधिक श्रद्धालुओं ने यज्ञाचार्य पंडित पवन व्यास,  पंडित कुणाल व्यास और मनोज दीक्षित मामा के सानिध्य में 21 लाख से अधिक महामृत्यंजय मंत्रों का जाप किया गया। अब मंगलवार को गोपालधाम मानस मंडल के तत्वाधान में हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जाएगा। सोमवार को वैशाख पूर्णिमा थी और मंदिर में गत 12 अपै्रल से करीब 30 दिवसीय दिव्य शिव-शक्ति अनुष्ठान का आयोजन किया गया था। अनुष्ठान का शुभारंभ नूतन हिन्दु नव वर्ष के प्रथम चैत्र मास की चैत्र सुदी पूर्णिमा से वैशाख सुदी पूर्णिमा तक विशेष शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान शास्त्र अनुसार पितृ हेतु वैशाख माह में जल का दान, घड़े का तथा भगवान शिव पर 1 मास कुंभ द्वारा महाअभिषेक एवं महा पारायण, जन्म कुण्डली में अशुभ दोषों का निवारण, एवं महादशा, अर्न्तदशा, समस्त रोग, भय, पीड़ा, महामंगल दोष एवं शनि दोष की शांति, अगार मंगल दोष शांति, सर्ववाधा निवारण, पर मंत्र, पर यंत्र, पर तंत्र, शत्रुओं पर विजय पाना, सुख-शांति, ग्रह दोषों का निवारण, धन प्राप्ति, समस्त मनोकामना, मनोवांछित फल प्राप्ति समस्त दोषों का निवारण 1 माह तक चलने वाला दिव्य अनुष्ठान में गणेश अर्थव शीर्ष, श्री महामृत्युंजय जाप, श्री महारूद्र अभिषेक, श्री दुर्गा सप्ताशती चण्डी पाठ मंगल चण्डी विधान, श्री रामचरित्र मानस सुन्दर काण्ड, हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया।


शिवलिंग ब्रह्मांड का प्रतीक

पंडित श्री व्यास ने बताया कि शिवलिंग ब्रह्मांड का प्रतीक हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख माह में शिवलिंग के ऊपर पानी का कलश या घड़ा स्थापित करना चाहिए। इस घड़े से पानी शिवलिंग पर जिस तरह बूंद-बूंद गिरता है, वैसे ही आपकी समस्याएं पानी की तरह बहकर दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि वैशाख माह में प्रातकाल स्नान करके भगवान शिव का जल और दूध से अभिषेक करने से ग्रह बाधाएं दूर होती हैं। सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। थोड़े से पूजन से ही वे भक्तों पर कृपा बरसाने लगते हैं। वैशाख माह में शिवजी के जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ उन्हें उनका प्रिय पुष्प आक, धतूरा और बेलपत्र आदि अर्पित करना चाहिए। शिवजी को ऋतु फलों का भोग अर्पित करना चाहिए। इस महीने में घड़ा, सत्तू, तरबूज आदि दान करने से शारीरिक व्याधियों से छुटकारा मिलता है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए वैशाख महीने में छोटा सा शिवलिंग लेकर आएं और घर के मंदिर में इसे स्थापित करें। इसकी प्रतिदिन पूजा करें। इस उपाय से घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है। घर के मंदिर में जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पारद शिवलिंग को स्नान कराएं। कम से कम 108 बार ओम नम शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे हर काम सिद्ध हो जाएंगे।

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