- गणपति पूजन व यज्ञ से शुरू हुआ धार्मिक आयोजन, समाजबंधुओं में दिखा उत्साह
महिलाओं की कलश यात्रा, युवाओं की भागीदारी बनी आकर्षण
धार्मिक अनुष्ठानों में समाज की महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर हिस्सा लिया। सिर पर कलश लेकर वे मंदिर परिसर में पहुंचीं। वहीं समाज के युवाओं व बच्चों ने भी आयोजन में पूरे उत्साह से भाग लिया, जिससे आयोजन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार हुआ।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पांच दिन तक चलेगा, 17 व 18 मई को रहेंगे मुख्य आयोजन
यह महोत्सव 14 मई से प्रारंभ होकर 18 मई तक चलेगा। आगामी 17 मई को दोपहर 4 बजे भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश लेकर गाजे-बाजे और बैंड की धुनों के साथ नगर भ्रमण करेंगी। इसके बाद मातेश्वरी चैनामाता कुशलामाता की चल समारोह नगर में निकाला जाएगा, जिसमें आकर्षक झांकियां भी शामिल होंगी। शाम 7 बजे समाजजनों के लिए प्रसादी का आयोजन रहेगा और रात्रि 8 बजे भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय सहित बाहर से आमंत्रित कलाकार भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे। भजन संध्या भक्तिमय माहौल से सराबोर करने वाली होगी।
18 मई को होगा मुख्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम, विभिन्न राज्यों से समाजबंधु होंगे शामिल
18 मई रविवार को सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह संपन्न होगा। इस अवसर पर शिव परिवार, श्रीराम दरबार, मातेश्वरी चैनामाता कुशलामाता एवं रुपजी महाराज की देव प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा की जाएगी। साथ ही ध्वजा शिखर कलश की स्थापना, पूर्णाहुति और विशेष पूजन विधियां संपन्न होंगी। कार्यक्रम के दौरान प्रातः 8 बजे अल्पाहार एवं दोपहर 1 बजे समाजबंधुओं के लिए महासात्विक प्रसादी का आयोजन रहेगा। इस अवसर पर नीमच जिले के अलावा गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों से समाजबंधु, अतिथि एवं पदाधिकारीगण आयोजन में भाग लेंगे। बाहर से पधारे वरिष्ठजनों और अतिथियों का आयोजन समिति द्वारा विशेष सम्मान भी किया जाएगा।
समाजसेवी परिवार की प्रेरणा से हो रहा आयोजन
यह आयोजन लखेरा समाज के वरिष्ठ समाजसेवी रामनिवास केतुनिया एवं उनके परिवार की प्रेरणा से स्व. श्री कालूरामजी एवं श्रीमती नंदुबाई केतुनिया की पुण्य स्मृति में संपन्न हो रहा है। उनका परिवार लंबे समय से समाजसेवा व धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रहा है। मंदिर निर्माण से लेकर महोत्सव की संपूर्ण व्यवस्था में लखेरा समाज मंदिर ट्रस्ट की भूमिका उल्लेखनीय रही।
ट्रस्ट व आयोजन समिति की सक्रिय भूमिका
आयोजन को सफल बनाने में ट्रस्ट अध्यक्ष राधेश्याम केतुनिया, सचिव किशोर चौहान, उपाध्यक्ष गोपाल भाटी, कोषाध्यक्ष रमेश चौहान सहित समिति सदस्यों—सुरेश बागड़ी, लालचंद बागड़ी, बालकिशन नेनवाया, रामचंद्र भाटी, किशोर बागड़ी, रतन लखेरा, अमृतलाल बागड़ी, ओमप्रकाश परिहार, महेश चंद्र चौहान, दिनेश केतुनिया, रमेश बागड़ी आदि की सक्रिय भागीदारी रही।
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