बेंगलुरु, 29 मई (विजय सिंह)। कर्नाटक धीरे -धीरे देश का वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर अग्रसर हो रहा है I इस सिलसिले में गुरुवार को राज्य कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर संबंधी तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी जो राज्य में तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया की अध्यक्षता में कैबिनेट उप-समिति की बैठक में तीन अग्रणी सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गईI कैबिनेट उप समिति की मंजूरी प्रदान करने की शर्तों के मुताबिक एप्लाइड मैटेरियल्स इंडिया देश में अपनी तरह का सेमीकंडक्टर संबंधी पहला अनुसंधान व विकास (आर एंड डी) केंद्र - इन्नोवेशन सेंटर फॉर सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (आईसीएसएम) केंद्र की स्थापना करेगा I 4851 करोड़ रुपयों की लागत से दस एकड़ जमीन में बनने वाली प्रस्तावित इस कंपनी से प्रारंभिक स्तर पर 1500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा और यह अगली पीढ़ी के उन्नत चिप व डिस्प्ले इन्नोवेशन के लिए बेहतर मंच को रूप में उभरेगाI इसके साथ ही एक अन्य कंपनी लैम रिसर्च, कर्नाटक राज्य में अपनी प्रस्तावित दो परियोजनाओं में एक 6790 करोड़ के निवेश के साथ एक अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर की स्थापना करेगी और दूसरी 9111 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर सिलिकॉन घटक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगी जिससे लगभग 1400 लोगों को रोजगार मिल सकेगा I कंपनी 2 एनएम तकनीक और सिलिकॉन पिंड उत्पादन में अत्याधुनिक व नवाचार तकनीक प्रदान करने का दावा करती है I गुरूवार को कैबिनेट उपसमिति द्वारा दिए गए अनुमति के आलोक में भारत सेमी सिस्टम नामक कंपनी 2342 करोड़ रुपये निवेश कर मैसूर में एक डिजाइन सह फैब सुविधायुक्त एकीकृत डिजाइन विनिर्माण सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी, सिलिकॉन कार्बाइड और गैलियम नाइट्राइड जैसे मिश्रित सेमीकंडक्टर पर आधारित यह संयंत्र रक्षा, दूरसंचार और जलवायु के क्षेत्र में योगदान देने के साथ ही 620 से ज्यादा नौकरियों के अवसर प्रदान करेगा। सरकार ने दावा किया कि समग्रता में इन निवेशों और परियोजनाओं से कर्नाटक देश का भावी वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने की दिशा में ठोस कदमों के साथ अग्रसर हो रहा है।
शुक्रवार, 30 मई 2025
बेंगलुरु : कर्नाटक बनेगा भारत का वैश्विक सेमीकंडक्टर हब
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें