- वंदना सत्र में सम्मिलित हुए नगरपालिका अध्यक्ष प्रिंस विकास राठौर
- भारतीय संस्कृति का मूल स्त्रोत है संस्कृत : भरत बैरागी
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सीहोर, सात आवासीय संस्कृतभारती के प्रबोधन प्रशिक्षण वर्ग में प्रातः वंदना सत्र में नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस विकास राठौर , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्व जिला संघचालक व विभाग कुटुम्ब प्रमुख अनिल पालीवाल , शासकीय चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय के प्राचार्यः डां. रोहिताश्व शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर वंदना सत्र का शुभारंभ किया. वंदना सत्र में सरस्वती वंदना , सुभाषित व अमृतवचन के साथ ही सामूहिक वंदना से दिवस का पाठ्यक्रम प्रारंभ हुआ. खेल- खेल में संस्कृत बोलना सीखना व अभ्यास का क्रम एवं संस्कार , अनुशासित जीवन शैली भी इस प्रशिक्षण में समाहित है। पूर्व राज्यमंत्री , संस्कृतभारती क्षेत्र संयोजक व संस्कृत बोर्ड अध्यक्ष भरत बैरागी ने इस प्रबोधन वर्ग के अपरान्ह सत्र में कहा कि संस्कृत केवल एक प्राचीन भाषा नहीं , अपितु भारतीय संस्कृति दर्शन , विज्ञान और अध्यात्म का मूल स्त्रोत है इसी अमूल्य धरोहर को जन सामान्य तक पहुंचाने हेतु संस्कृतभारती मध्यभारत द्वारा सात दिवसीय आवासीय शिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर वर्गाधिकारी व संस्कृतभारती जिला अध्यक्ष पंडित पृथ्वीवल्लभ दुबे, पंडित नरेश तिवारी, डां . पवन द्विवेदी, , जिला मंत्री राकेश सिंह, सुरेन्द्र सिंह यादव, जितेन्द्र सिंह राठौड़, राजेन्द्र श्रीवास्तव, डां ललितकुमार पंतोला, लखनलाल महेश्वरी, डां गोविन्द मंसूरे, सोनू परमार, मीना साहू, बहादुर् सिंह , विष्णुप्रसाद परमार उपस्थित रहे . जिला प्रचार प्रमुख जितेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि शिक्षण वर्ग प्रातः 5 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 10 बजे तक विभिन्न सत्रों में चलता है।
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