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शनिवार, 10 मई 2025

कांग्रेस ने देश भर में निकाली ‘जयहिंद यात्रा’, सशस्त्र बलों के पक्ष में एकजुटता प्रकट की

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कांग्रेस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और भारत-पाकिस्तान में सैन्य संघर्ष के बीच शुक्रवार को विभिन्न राज्यों में सशस्त्र बलों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए ‘जय हिंद यात्रा’ निकाली। इस यात्रा में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हाथों में तिरंगा लेकर ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’, ‘भारत माता की जय’, ‘हमारे सैनिक, हमारा गौरव हैं’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि हिंदुस्तान के आत्मसम्मान और स्वाभिमान को ललकारने वालों को पहले भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा तथा निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों की कीमत चुकानी होगी। नई दिल्ली में यह यात्रा जंतर-मतर से शुरू हुई और इसका समापन युवा कांग्रेस के मुख्यालय के निकट हुआ। इसमें कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अजय माकन, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी महासचिव सचिन पायलट, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव, प्रभारी काजी निजामुद्दीन और कई अन्य नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, असम, बिहार, झारखंड, गुजरात और अन्य राज्यों की प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ‘जयहिंद यात्रा’ निकाली और भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य का बखान किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इतिहास गवाह है कि जब-जब किसी ने हिंदुस्तान के आत्मसम्मान और स्वाभिमान को ललकारा है, हमने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है। जब इस मिट्टी की रक्षा के लिए अपने खून का एक-एक कतरा कुर्बान करने का जज्बा लिए हमारे जवान हुंकार भरते हैं, तो दुश्मन का कलेजा मुंह को आ जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक बार फिर हमें ललकारा गया है, हमारी सहनशीलता और धैर्य की परीक्षा ली गई है। दहशतगर्दों ने हमारे निर्दोष लोगों की बेरहमी से जान ले ली, उन्हें इसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी।’’


कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपना सर्वस्व समर्पित कर भारत की जल, थल और वायु सेना लगातार शौर्य और पराक्रम में नए मानक स्थापित करती जा रही है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए, पाकिस्तान की नाक में नकेल डालने के लिए और उसके नापाक मंसूबों को नेस्तेनाबूद करने के लिए भारत की सेना की जितनी तारीफ की जाए, वो कम है।’’ उनके अनुसार, 1971 में जब पाकिस्तान की नापाक नजर भारत के तिरंगे और सरजमीं पर पड़ी थी, तो उस तिरंगे को बचाने के लिए पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए गए थे और पाकिस्तान को ऐसा जख्म दिया, जिसका मरहम पाकिस्तान आज तक नहीं खोज पाया है। रागिनी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘जब तिरंगे पर बात आती है, तो हर भारतीय एक हो जाता है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को इसी तिरंगे के नीचे खड़े होकर हर भारतीय 'जय हिंद' का नारा लगाता है। कांग्रेस ने ये साफ कर दिया है कि ये दलगत राजनीति का समय नहीं है।’’ भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में बीते बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि इस कार्रवाई में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। भारत ने बृहस्पतिवार रात पाकिस्तान की तरफ से किए गए ड्रोन हमलों को विफल कर दिया।

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