सत्र के दौरान उन्होंने Google Classroom, Google Forms, Google Docs, Jamboard, और अन्य Google आधारित शैक्षणिक टूल्स का सजीव प्रदर्शन करते हुए बताया कि इनका उपयोग किस प्रकार से शिक्षण को अधिक प्रभावी, सहभागितापूर्ण और व्यवस्थित बना सकता है। उन्होंने यह भी साझा किया कि किस प्रकार से ऑनलाइन मूल्यांकन, उपस्थिति प्रबंधन, गृहकार्य संकलन, फीडबैक प्रक्रिया, और संसाधन वितरण जैसे कार्य अब कुछ ही क्लिक में संभव हो गए हैं। इस सत्र की विशेषता यह रही कि यह केवल व्याख्यानात्मक न होकर पूर्णतः संवादात्मक और व्यावहारिक था। प्रतिभागी शिक्षकों ने विभिन्न समस्याएं, जिज्ञासाएं और सुझाव साझा किए, जिनका समाधान डॉ. गोपाल जी ने सरल भाषा और उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्राचार्य महोदय एवं संकाय प्रमुखों ने इस आयोजन की सराहना की और भविष्य में भी इस प्रकार के उन्नयन सत्रों के आयोजन की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं न केवल शिक्षकों के डिजिटल कौशल को उन्नत करती हैं, बल्कि संस्थान की शिक्षण गुणवत्ता और छात्र संतुष्टि में भी वृद्धि करती हैं। दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग इस प्रकार के नवाचार और तकनीकी उन्नयन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे न केवल शिक्षकों का विकास सुनिश्चित हो, बल्कि छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके।
दरभंगा, 17 मई (रजनीश के झा)। तकनीकी शिक्षा को नवाचार और डिजिटल माध्यमों से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) द्वारा एक विशेष विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान कॉन्फ्रेंस हॉल, DCE दरभंगा में 17 मई, शनिवार को प्रातः 10:00 बजे प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर कॉलेज के सभी विभागों के शिक्षकगण उपस्थित रहे और सत्र में सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे डॉ. गोपाल जी गोपाल, सहायक प्राध्यापक, सी. जी. भक्त इंस्टिट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, उका तारसाडिया विश्वविद्यालय, बर्डोली। वे डिजिटल शिक्षण तकनीकों के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञों में से एक हैं और शिक्षकों को तकनीकी दक्षता प्रदान करने हेतु पूरे देश में अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सम्मिलित हो चुके हैं। डॉ. गोपाल जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि 21वीं सदी का शिक्षक केवल विषय का ज्ञाता नहीं, बल्कि एक तकनीकी नेतृत्वकर्ता भी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और उन्हें नवीनतम डिजिटल टूल्स से लैस करना समय की मांग है।

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