प्रस्तुत प्रदर्शनी में डॉ. रमेश चंद मीणा (राजकीय कला महाविद्यालय, कोटा) ने प्रमुख क्यूरेटर (प्रदर्शनी अधिकारी) के रूप में अपनी विशेषज्ञता प्रदान की है। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण डॉ. रमेश चंद मीणा की ‘अभय’ विषय पर आधारित चित्रकृति रही हैं, जो दर्शकों को गहन चिंतन और भावनात्मक जुड़ाव का अवसर प्रदान करती हैं। यह प्रदर्शनी कला के माध्यम से बुद्ध के शांति और अहिंसा के सिद्धांतों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत करती है। प्रस्तुत राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी न केवल कला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करती है। यह आयोजन बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शांति और ज्ञान के संदेश को कला के माध्यम से समाज तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है। प्रदर्शनी में विभिन्न शैलियों और माध्यमों में रचित कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी, जो कला प्रेमियों और आम दर्शकों के लिए प्रेरणादायी होंगी। प्रस्तुत राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी, वर्तमान सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह आयोजन न केवल कला के प्रति उत्साह को प्रज्वलित करेगा, बल्कि बुद्ध के शाश्वत संदेशों को भी जन-जन तक पहुंचाएगा। सभी कला प्रेमियों, छात्रों और आमजन को इस प्रदर्शनी में भाग लेने और कला के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए हार्दिक आमंत्रित किया जाता है। आइए, शांति और ज्ञान के इस कलात्मक उत्सव में एक साथ शामिल हों।
जयपुर (रजनीश के झा)। अतिशय कलित संस्थान के बैनर तले जयपुर में बुद्ध विषयक राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन 12 से 14 मई 2025 तक राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर में किया जा रहा है। यह सामुहिक चित्र प्रदर्शनी गौतम बुद्ध जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित की जा रही है, जो शांति, ज्ञान और कलात्मक अभिव्यक्ति की भावना को समर्पित है। यह आयोजन कला प्रेमियों, कलाकारों और समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाने का एक अनूठा प्रयास है।प्रस्तुत प्रदर्शनी का उद्घाटन 12 मई 2025 को शाम 5 बजे होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री पवन गोयल (एमडी - सफारी ग्रुप ऑफ होटल्स एवं सामाजिक कार्यकर्ता) और विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री लक्ष्मण व्यास (पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर) उपस्थित रहें। आयोजन की अध्यक्षता डॉ. रीता प्रताप गोयल (कलाविद, पूर्व विभागाध्यक्ष, ड्राइंग एवं पेंटिंग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर) ने की।
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