सीहोर। शहर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को मंदिर परिसर में सुबह भगवान शिव का अभिषेक किया गया। इसके पश्चात हनुमान चालीसा का पाठ, राम चरित्र मानस पाठ, सुंदरकांड और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ यज्ञ में आहुतियां दी गई। इस मौके पर यज्ञाचार्य पंडित पवन व्यास, कुणाल व्यास और मनोज दीक्षित मामा आधा दर्जन से अधिक विप्रजनों ने सीता नवमी मनाई। पंडित श्री व्यास ने बताया कि हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था इसलिए इस तिथि को सीता नवमी या जानकी जन्म उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि आज के दिन व्रत रखकर विधि विधान के साथ भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना करने से सभी रोग व शोक दूर होते हैं और 16 महान दान का पुण्य फल प्राप्त होता है। सीता माता को त्रेतायुग की सबसे पवित्र, त्यागमयी और संयमशील स्त्रीत्व की प्रतीक के तौर पर जाना जाता है। सीता नवमी का विशेष महत्व है। शास्त्रों व पुराणों के अनुसार, वैशाख मास की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में राजा जनक संतान प्राप्ति की कामना के लिए यज्ञ करने के लिए भूमि को तैयार कर रहे थे। जब राजा जनक हल चला रहे थे, तभी उनको पृथ्वी से एक बालिक की प्राप्ति हुई थी। इसलिए नवमी तिथि को सीता माता को जन्मोत्सव मनाया जाता है। त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने राम और माता लक्ष्मी ने सीता के रूप में जन्म लिया था। इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। यह व्रत करने से जीवन में सुख-शांति आती है और वैवाहिक जीवन मजबूत रहता है।
मंगलवार, 6 मई 2025
सीहोर : शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान में किया गया हनुमान चालीसा का पाठ और हवन का आयोजन
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