- CEC ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में पारदर्शी, सुलभ और आधुनिक चुनाव की दिशा में निर्णायक कदम
पहली बार, मतदाताओं को सभी मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर मोबाइल जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिसे ECI द्वारा प्रदान किया गया। यह सुविधा शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन की सर्वव्यापकता को ध्यान में रखते हुए तथा खासकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं एवं PwD मतदाताओं को मतदान केंद्र में प्रवेश से पहले मोबाइल फोन रखने की समस्या के समाधान के रूप में शुरू की गई। इसके लिए मतदान केंद्रों के दरवाजे पर साधारण पिजनहोल बॉक्स या जूट बैग रखे गए थे, जिनमें मतदाताओं ने अपने मोबाइल जमा किए। इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती भी की गई। अपग्रेडेड VTR प्रक्रिया के तहत प्रत्येक मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को ECINET ऐप के माध्यम से मतदान दिवस पर हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत दर्ज करने की सुविधा दी गई, जिससे अनुमानित मतदान प्रवृत्तियों को अद्यतन करने में देरी कम हुई। ये आंकड़े स्वतः ही विधानसभा स्तर पर संकलित हो गए। हर दो घंटे में पूर्ववत् तरीके से मतदान प्रतिशत के आंकड़े प्रकाशित किए गए। साथ ही, मतदान समाप्ति के बाद, मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ही पीठासीन अधिकारियों द्वारा ECINET में अंतिम VTR डेटा दर्ज किया गया, ताकि नेटवर्क उपलब्धता की स्थिति में अपडेटेड VTR ऐप पर मतदान प्रतिशत का आंकड़ा विधानसभा-वार तुरंत उपलब्ध हो सके। जहां मोबाइल नेटवर्क अनुपलब्ध था, वहां डेटा ऑफलाइन दर्ज कर नेटवर्क बहाली पर सिंक किया गया।
पहले यह प्रक्रिया पूरी तरह मैन्युअल थी, जिसमें सेक्टर अधिकारी मतदान प्रतिशत की जानकारी फोन कॉल, एसएमएस या मैसेजिंग ऐप के जरिए आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) को भेजते थे। यह सूचना दो-दो घंटे में संकलित कर VTR ऐप पर अपलोड की जाती थी। मतदान समाप्ति के बाद, पीठासीन अधिकारी को पहले फॉर्म 17C सहित विभिन्न वैधानिक कर्तव्यों जैसे राजनैतिक दलों/उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट्स से हस्ताक्षर लेना, उन्हें कॉपी देना, और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित जमा करना आदि कार्य पूरे करने होते थे, जिसके कारण VTR डेटा रात 10-11 बजे या उससे भी देर से अपडेट होता था, कभी-कभी अगली सुबह तक। अब इस अपग्रेडेड प्रणाली के तह पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ही ECINET पर डेटा अपडेट कर देता है, जिससे यह देरी समाप्त हो जाती है और रियल टाइम या नियत समय में मतदान प्रतिशत की सटीक जानकारी उपलब्ध हो पाती है। आयोग ने पांचों उपचुनाव वाली विधानसभा क्षेत्रों में एक को छोड़कर सभी मतदान केंद्रों पर मतदान दिवस की गतिविधियों की 100% वेबकास्टिंग सुनिश्चित की। इस वेबकास्टिंग की निगरानी यह सुनिश्चित करने के लिए की गई कि सभी महत्वपूर्ण गतिविधियाँ सुचारू रूप से संपन्न हों और चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार का उल्लंघन न हो। RO (रिटर्निंग ऑफिसर), DEO (जिला निर्वाचन अधिकारी) और CEO (मुख्य निर्वाचन अधिकारी) स्तर पर गठित समर्पित निगरानी टीमों ने मतदान प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी बनाए रखी।
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