- आरएसएस कोटे की खुली स्वीकारोक्ति से नीतीश सरकार बेनकाब

पटना 19 जून (रजनीश के झा)। माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी युग में संविधान के खिलाफ जाकर आरएसएस की आज ‘सुपर सरकार’ चल रही है. उन्होंने कहा कि जेडीयू के मंत्री श्री अशोक चैधरी द्वारा यह स्वीकार करना कि उनके दामाद को बिहार धार्मिक न्यास परिषद् बोर्ड में ‘आरएसएस कोट’ के तहत सदस्य बनाया गया है - यह केवल एक व्यक्ति विशेष की नियुक्ति का मामला नहीं, बल्कि बिहार की सरकार और संघ परिवार के बीच गहरे साठगांठ का प्रमाण है। यह एक खतरनाक मिसाल है, जो हमारे संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है। नीतीश कुमार की सरकार में आरएसएस जैसे सांप्रदायिक संगठन की सिफारिश पर नियुक्तियाँ हो रही हैं - क्या यही ‘जनता के लिए शासन’ है? नीतीश कुमार स्पष्ट करें - क्या बिहार में विभागीय नियुक्तियाँ अब संघ कोटे से होंगी? क्या बिहार धार्मिक न्यास परिषद जैसे सरकारी निकाय अब संघ की शाखा बन चुके हैं? क्या यह स्वीकारोक्ति इस बात का संकेत है कि संविधानिक संस्थाओं पर संघ का सीधा कब्जा कराया जा रहा है? नीतीश कुमार और उनकी सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि वे बिहार की प्रशासनिक मशीनरी को संविधान के तहत चलाएंगे या नागपुर से चलने वाली विचारधारा के निर्देश पर?
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