उन्होंने जिले में ऐसे सभी विद्यालयों जिसके भवन जर्जर हैं और उनमें पठन पाठन से बच्चों के हित का नुकसान हो रहा है,ऐसे विद्यालयो की अविलम्ब सूची उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे ताकि शीघ्र अग्रेतर करवाई किया जा सके। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण के क्रम यह बात सामने आती है कि शिक्षा कोष में पैसा रहते हुए भी विद्यालय में आधारभूत मूल व्यवस्थाएं में कमी है तो जवाबदेही तय कर करवाई की जाएगी।जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ बैठक अनिवार्य रूप से करे,ताकि जिलास्तरीय मासिक बैठक में प्रगति दिखाई पड़े। जिला पदाधिकारी द्वारा स्टूडेंट एनरोलमेंट मॉड्यूल,असैनिक कार्यो की प्रगति ,विद्यालयों में विद्युतीकरण, माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में निर्माण, जल जीवन हरियाली, सीडब्ल्यूजेसी/ एमजेसी के मामले, टेक्स्ट बुक, प्रवेश उत्सव जैसे अन्य विषयों की समीक्षा भी की गई। उक्त बैठक में डlडीपीआरओ परिमल कुमार,, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सहित जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मधुबनी (रजनीश के झा)। जिला पदाधिकारी आनंद शर्मा ने की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि विद्यालयो में शतप्रतिशत छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति के साथ साथ विद्यालयो में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष रूप से फोकस करें। हमारे बच्चे हमरा कल हैं। इसलिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हम सभी का दायित्व है। जिलाधिकारी ने विद्यालयों के निरीक्षण की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं बीईओ शत प्रतिशत विद्यालयो का निरीक्षण करे ।उन्होंने कहा कि डीपीओ स्थापना प्रतिदिन शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट मुझे भेजना सुनिश्चित करेंगे।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि निरीक्षण केवल खानापूर्ति के लिए नहीं करे,बल्कि उसका सकारात्मक परिणाम नजर आनी चाहिए।उन्होंने कहा कि अनाधिकृत रूप से जो शिक्षक अनुपस्थित पाए जाते है उनके विरुद्ध अविलंब करवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने निर्देश दिया कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में शौचालय की स्थिति, पोशाक/ छात्रवृति, मध्यान भोजन की गुणवत्ता, पठन पाठन में गुणवत्ता सहित सभी मामलों का अनुश्रवण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद नहीं रहना चाहिए एवं हर हाल में मीनू के अनुरूप बच्चों को भोजन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय शिक्षा समिति का गठन न होना या रसोई गैस की अनुपलब्धता जैसे कारण स्वीकार नहीं किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत विद्यालयो में गैस से भोजन बनाना सुनिश्चित करे।
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