मुंबई : काम्या पंजाबी ने तोड़ी चुप्पी, “मी नो पॉज़ मी प्ले” बना मेनोपॉज़ पर आधारित दुनिया का पहला फिल्म - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 9 जून 2025

मुंबई : काम्या पंजाबी ने तोड़ी चुप्पी, “मी नो पॉज़ मी प्ले” बना मेनोपॉज़ पर आधारित दुनिया का पहला फिल्म

Kamya-panjabi
मुंबई (रजनीश के झा)। एक ऐतिहासिक सिनेमा क्षण आज मुंबई के मढ इलाके में हुआ, जहाँ “मी नो पॉज़ मी प्ले” का मुहूर्त बड़े ही उत्साह के साथ संपन्न हुआ। यह फिल्म दुनिया की पहली ऐसी फीचर फिल्म है जो पूरी तरह से एक ऐसे विषय पर केंद्रित है जिसे अब तक न तो सिनेमा ने और न ही समाज ने गंभीरता से लिया — मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति)। इस फिल्म का निर्देशन समर के मुखर्जी कर रहे हैं और इसे लिखा व निर्मित किया है मनोज कुमार शर्मा ने। फिल्म के सह-निर्माता हैं सूरज सिंह मास, स्क्रीनप्ले और संवाद शकील कुरैशी का है। पटकथा और संवाद भी मनोज कुमार शर्मा ने ही लिखे हैं, वहीं फिल्म के डीओपी हैं अक़राम ख़ान। कार्यकारी निर्माता के रूप में श्वेता मुखर्जी इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं। फिल्म को मिर्रो फिल्म्स और डिजीफिल्मिंग के बैनर तले बनाया जा रहा है और रिलायंस एंटरटेनमेंट इसका डिजिटल मार्केटिंग पार्टनर है।


फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे काम्या पंजाबी, दीपशिखा नागपाल, मनोज कुमार शर्मा, करण सिंह छाबड़ा, अरहम अब्बासी, इंदु सोलंकी, स्तुति गोयल, काजल शर्मा, मनु मलिक सहित कई अन्य कलाकार। रिलायंस मार्केटिंग हेड संदीप यादव, सूरज सिंह मास, मोनिंदर सिंह धंजाल, अंशु कटारिया, ईवान मारन, शिबानी रामभद, सौरभ बंसल, शिवाजी क्षीरसागर, विक्रांत मेघवाल, कमाल मलिक, अनुप मिश्रा, रीना भट्टाचार्य, शिल्पा अनिल नाईक, स्तुति विंकल, रमेश पालीवाल, अभिषेक सिंह और एक महत्वपूर्ण कैमियो में एमी मिसोब्बाह भी फिल्म का हिस्सा हैं। यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई किताब “मी नो पॉज़ मी प्ले” पर आधारित है, जिसने पहले ही हज़ारों महिलाओं के जीवन को छुआ है और एक जरूरी संवाद की शुरुआत की है। जहाँ आमतौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, वहीं यह फिल्म मेनोपॉज़ जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय को साहस के साथ केंद्र में लाती है। मूड स्विंग्स, चिंता, शारीरिक पीड़ा, भावनात्मक उतार-चढ़ाव, हार्मोनल बदलाव — ये सिर्फ लक्षण नहीं हैं, ये महिलाओं की जीती-जागती सच्चाइयां हैं जिन्हें पहचान और सहानुभूति की जरूरत है।


निर्देशक समर के मुखर्जी ने कहा, “सिनेमा समाज की सच्चाइयों को दिखाने का सशक्त माध्यम है — और सच्चाई ये है कि मेनोपॉज़ एक वास्तविक, पीड़ादायक और उपेक्षित अनुभव है। यह फिल्म सिर्फ एक महिला की यात्रा नहीं, बल्कि पूरे समाज की जागृति है। अब वक्त है कि हम मेनोपॉज़ पर फुसफुसाना बंद करें और खुलकर, इज्ज़त के साथ बात करें।” लेखक और निर्माता मनोज कुमार शर्मा ने कहा, “मेरे लिए कहानियाँ सिर्फ कल्पनाएँ नहीं होतीं, वे उपचार और मुक्ति का जरिया होती हैं। मेनोपॉज़ कोई सिर्फ मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और मानसिक यात्रा है जिसे महिलाएं चुपचाप झेलती हैं। इस फिल्म के ज़रिए मैं उन्हें आवाज़, पहचान और उनकी ताकत पर गर्व का अवसर देना चाहता हूं।” फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — ताकि मेनोपॉज़ जैसे विषय को सामान्य बातचीत का हिस्सा बनाया जा सके। मुहूर्त के मौके पर अभिनेत्री काम्या पंजाबी ने कहा, “अब चुप्पी तोड़ने का समय आ गया है। मेनोपॉज़ कोई जीवन में ठहराव नहीं, बल्कि एक बदलाव है — जिसे समझने, सम्मान देने और समर्थन की जरूरत है।” “मी नो पॉज़ मी प्ले” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अभियान है — जागरूकता, सहानुभूति और सशक्तिकरण के लिए।

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