पटना : किसानों से मिले केंद्रीय मंत्री, वैज्ञानिक खेती को बताया भविष्य का रास्ता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


रविवार, 8 जून 2025

पटना : किसानों से मिले केंद्रीय मंत्री, वैज्ञानिक खेती को बताया भविष्य का रास्ता

Minister-meet-farmer-bihar
पटना (रजनीश के झा)। विकसित कृषि संकल्प अभियान' के अंतर्गत, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में अभियान के ग्यारहवें दिन भी बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यक्रमों का सफल आयोजन हुआ। यह अभियान वैज्ञानिक ऊर्जा, संस्थागत सहयोग और किसानों की उत्साही भागीदारी के साथ आगे बढ़ रहा है। इस दौरान वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों एवं अधिकारियों की टीमों ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया। किसानों को उन्नत, वैज्ञानिक एवं टिकाऊ कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई। साथ ही, किसानों ने भी अपनी जमीनी समस्याएँ खुलकर साझा कीं, जिनके समाधान मौके पर ही सुझाए गए।


इस अभियान के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत, नालंदा में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने  भाग लिया | उन्होंने स्थानीय किसानों के खेतों का भ्रमण किया और उनसे उनकी खेती से जुड़ी समस्याओं पर सीधा संवाद किया। मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि कृषि विज्ञान केंद्रों को सशक्त बनाने हेतु हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे उच्च उत्पादकता वाली सब्जियों, कम अवधि की मोटे अनाज (मिलेट्स) की किस्में, प्राकृतिक खेती जैसी नवीन तकनीकों को अपनाएँ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालयों का भ्रमण करें और टिकाऊ कृषि हेतु इनसे लाभ प्राप्त करें। इस अवसर पर पौधरोपण भी किया गया| श्री श्रवण कुमार, माननीय ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार ने कृषि रोडमैप, जलवायु अनुकूल कृषि, भारत सरकार एवं बिहार सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं पर विशेष बल दिया गया। कार्यक्रम के दौरान उन्नत किस्में, बागवानी खेती, प्राकृतिक खेती, कृषि आधारित उद्योग, जीआई टैग प्राप्त फसलों आदि को भी प्रमुखता से बताया गया। माननीय कुलपति ने किसानों से अनुरोध किया कि वे विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित 22 कृषि विज्ञान केंद्रों से सहायता लें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ थीं। खरीफ फसलों के उन्नत उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर कई किसानों ने मोटे अनाज से खाद्य पदार्थों की तैयारी में भाग लिया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम में श्री कौशलेन्द्र कुमार, माननीय लोकसभा सांसद, नालंदा; डॉ. डी. आर. सिंह, माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर; डॉ. अनुप दास, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना; डॉ. अमरेन्द्र  कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, अटारी, पटना; डॉ. आर. एन. सिंह, सह निदेशक (प्रसार शिक्षा), बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं बिहार सरकार के कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। इस अभियान का समन्वयन कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा किया जा रहा है। दोनों संस्थानों के नेतृत्व में  सभी सहभागी संस्थानों की टीमें गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही हैं। अभियान में पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिससे किसान पर्यावरण के अनुकूल, लाभकारी और दीर्घकालिक कृषि को अपना सकें।

कोई टिप्पणी नहीं: