- कांग्रेस ने की थी लोकतंत्र की हत्या, पीएम मोदी ने लोकतंत्र को पुनः मजबूत किया
- 1975 का आपातकाल लोकतंत्र का सबसे काला दिन था, इस क्रूरता के लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए
कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विश्वास करने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी ने प्रतापगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में सत्ता का दुरुपयोग किया। लोगों को जबरन दबाया गया, लोकतांत्रिक आवाजें बंद कर दी गईं। आज भी कांग्रेस एक परिवार के इर्द-गिर्द ही सिमटी हुई है। नकली चेहरे आगे लाए जाते हैं, असली सूरत को छिपाया जाता है। कांग्रेस को देर से ही सही, देश से माफी मांगनी चाहिए,“ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मोदी जी ने लोकतंत्र को बचाया और मजबूत किया। 2014 के बाद भारत में लोकतंत्र का असली रूप सामने आया। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की सच्ची रक्षक है, जिसने संविधान को सर्वोपरि माना। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
भारत की विविधता ही उसकी ताकत
शिवराज सिंह चौहान ने कहा भारत की असली ताकत उसकी विविधता और ’सर्वधर्म समभाव’ में है। हम सभी धर्मों, जातियों और समाजों को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं। यही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता है।
आपातकाल की क्रूर कथा कभी नहीं भूलनी चाहिए
केंद्रीय मंत्री ने कहा, आपातकाल की क्रूर कथा को देश कभी न भूले, इसके लिए ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना जरूरी है। आपातकाल न केवल नागरिकों के अधिकारों का हनन था, बल्कि यह संविधान की आत्मा की हत्या भी थी। उन्होंने कहा कि जब इमरजेंसी लगी, तब मेरी उम्र 16 साल थी। मुझे भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। यह मेरे जीवन का ऐसा अनुभव है जिसे मैं कभी भूल नहीं सकता।
तानाशाही के अंधकार में लोकतंत्र की लौ जलाए रखने वाले सेनानियों को नमन
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून, 1975 को लगे आपातकाल को देश का सबसे काला अध्याय बताते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास का कलंकित अध्याय है। उस दौर की क्रूरता, अन्याय और यातनाएं आज भी दिल को विचलित कर देती हैं। वे शुक्रवार को वाराणसी में शहीद पार्क में आयोजित ‘आपातकाल’ विषयक चित्र प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान बोल रहे थे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर चित्र और हर दस्तावेज लोकतंत्र की उस पीड़ा की गवाही दे रहा था जिसे देश ने सहा है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं उन वीर लोकतंत्र सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने तानाशाही के अंधकार में भी लोकतंत्र की लौ जलाए रखी। उनके संघर्ष के कारण ही आज हम खुलकर बोलने और जीने का अधिकार रखते हैं।
प्रदर्शनी में दिखे आपातकाल के काले सच
शिवराज सिंह चौहान ने ‘आपातकाल’ विषयक चित्र प्रदर्शनी का गहन अवलोकन किया। प्रदर्शनी में दिखाए गए प्रमुख बिंदु :
मीडिया पर सेंसरशिप
न्यायपालिका पर नियंत्रण का प्रयास
शिक्षा को राजनीतिक हथियार बनाना
बच्चों और छात्रों तक की गिरफ्तारी
लोकतंत्रिक आवाजों का दमन
केंद्रीय मंत्री काफी देर तक "उड़ीसा में 9वीं-10वीं के बच्चों को पांच महीने जेल में रखने" वाली चित्र किट के सामने रुके और भावुक हो उठे।
मंच पर मौजूद गणमान्य
इस अवसर पर महापौर अशोक तिवारी, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, प्रेम प्रकाश कपूर सहित कई प्रमुख नेता एवं नागरिक उपस्थित रहे.
समीक्षा बैठक
इसके पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं किसान कल्याण मंत्री एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय सब्जी अनुसंधान केन्द्र के ततवावधान में आयोजित विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों से किसान हित में कार्य किए जाने का आह्वान किया.
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