- डीजीपी राजीव कृष्ण ने वाराणसी में जेटीसी प्रशिक्षण का किया निरीक्षण
- प्रदेश के हर थाने में तैनात होंगे प्रशिक्षित आरक्षी, कानून-व्यवस्था को मिलेंगी नई मजबूती
- डीजीपी ने दिए 10 मिशन मोड निर्देश — अपराध, महिला सुरक्षा और साइबर कंट्रोल पर विशेष फोकस
हर थाने में मिलेंगे प्रशिक्षित आरक्षी
DGP ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद प्रदेश के हर थाने में औसतन 25 प्रशिक्षित आरक्षी तैनात किए जाएंगे, जो अगले 30-40 वर्षों तक कानून व्यवस्था की रीढ़ बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसे गंभीरता से निभाया जाए।
गोष्ठी में DGP के 10 मिशन मोड निर्देश
1. अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस।
2. महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता।
3. जनसुनवाई में त्वरित और प्रभावी समाधान।
4. कानून तोड़ने वालों के प्रति सख्ती।
5. साइबर अपराधों पर आधुनिक तकनीक से नियंत्रण।
6. पुलिसिंग को सरल, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना।
7. पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन।
8. दक्ष और प्रतिभाशाली पुलिसकर्मियों को आगे बढ़ाना।
9. स्मार्ट पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी और AI का अधिकतम उपयोग।
10. सेवाकालीन प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देना।
समाज को गढ़ने वाली नई पुलिस
DGP ने कहा कि ये नवचयनित आरक्षक न केवल पुलिसबल की ताकत होंगे, बल्कि समाज के भविष्य के निर्माता भी बनेंगे। उनका प्रशिक्षण प्रदेश के प्रशासनिक, सामाजिक और न्यायिक परिदृश्य को नई दिशा देगा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की कि वे अपने अनुभवों से प्रशिक्षुओं को प्रेरित करें और उन्हें व्यवहारिक ज्ञान दें, ताकि वे जमीनी चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें। इस मौके पर वाराणसी के पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस महानिदेशक जोन सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्य बिंदु
हर थाने में तैनात होंगे प्रशिक्षित आरक्षी, 30-40 वर्षों तक संभालेंगे कानून व्यवस्था
DGP का मिशन — अपराध, माफिया और साइबर अपराध पर कठोर शिकंजा
महिला सुरक्षा और जनसेवा रहेगी पुलिस की पहली प्राथमिकता

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें