- लाइव कॉलिंग से लोगों को ठगते थे शातिर, वाराणसी साइबर टीम ने मध्यप्रदेश से दो आरोपी दबोचे
ठगी का तंत्र
पहले लाभ, फिर घाटा और आखिर में ब्लॉक, कॉल कर वेबसाइट पर डीमैट अकाउंट खुलवाते, पहले छोटे निवेश पर मुनाफा दिखाकर विश्वास जीतते, फिर बड़े इन्वेस्टमेंट कराकर अकाउंट प्रोटेक्शन और जीएसटी के नाम पर और रकम ऐंठते, अंत में संपर्क काटकर नए लोगों की तलाश शुरू कर देते.
वाराणसी के शैलेश से हुई थी ठगी
टकटकपुर अजय विहार कॉलोनी निवासी शैलेश अस्थाना ने साइबर थाना में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने वेबसाइट पर उनका डीमैट खाता खोलकर ट्रेडिंग में घाटा दिखाया और जीएसटी सहित अन्य कारणों से 7.11 लाख की ठगी कर ली।
जरूरी सावधानियां
डीसीपी क्राइम की अपील है कि किसी भी अनजान वेबसाइट या ऐप पर डीमैट अकाउंट न खोलें, ट्रेडिंग से पहले हमेशा प्लेटफॉर्म का डेमो और प्रमाणिकता जांचें, निवेश की राशि बढ़ाने से पहले सतर्कता बरतें, पासवर्ड मजबूत रखें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें, पब्लिक वाई-फाई या साइबर कैफे से लॉगिन न करें, ऑर्डर बुक और बैंक स्टेटमेंट रोज़ जांचते रहे.
सावधानी ही सुरक्षा है!
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो किसी भी वेबसाइट या कॉल पर अंधा विश्वास न करें। अधिक मुनाफे का झांसा साइबर ठगी का नया हथियार बन चुका है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें