- पटना नगर निगम की कार्रवाई से परेशान दीघा हाट के बेरोजगार व्यवसायी
व्यवसायियों की पीड़ा
इन ठेला व्यवसायियों और फुटपाथ दुकानदारों का कहना है कि उनके पास स्थायी दुकान या व्यवसाय स्थल नहीं है। यही वजह है कि वे सड़क किनारे अपना रोजगार चलाते हैं। उनका कहना है कि वे किसी अपराध के दोषी नहीं, बल्कि अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
एक व्यवसायी ने बताया
"हम सरकार से बस इतना चाहते हैं कि हमें एक स्थायी स्थान दे दिया जाए जहाँ हम रोज़ी-रोटी कमा सकें। जब कोई विकल्प नहीं मिलता और रोज़ सामान तोड़ दिया जाता है, तब हम कहाँ जाएं?"
मांग है स्पष्ट:
– पटना नगर निगम या राज्य सरकार इन छोटे व्यवसायियों के लिए वैकल्पिक वेंडिंग ज़ोन बनाए,
उन्हें पहचान पत्र या लाइसेंस देकर वैध बनाए,
और उनके पुनर्वास की ठोस योजना बनाए.
न्याय की उम्मीद में वर्तमान स्थिति में ये मेहनतकश नागरिक प्रशासन की सख्ती से टूटते जा रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीदें अभी भी सरकार से जुड़ी हुई हैं — कि कोई समाधान निकलेगा और उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का हक मिलेगा.

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