- पूरे माह शिव भक्त सीवन नदी से कुबेरेश्वरधाम की 11 किलोमीटर की यात्रा करेंगे
जिला संस्कार मंच के मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि पूरे सावन के माह में श्रद्धालुओं के द्वारा शहर के सीवन घाट से कुबेरेश्वरधाम तक अल सुबह से देर रात्रि तक श्रद्धालु मार्ग से गुजर रहे है। कांवड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति अटूट समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। कांवड़ को कंधे पर रखकर चलना, भक्तों के लिए एक तरह की तपस्या है। इस दौरान भक्त शारीरिक कष्ट सहते हैं, लेकिन उनके मन में भगवान शिव के प्रति आस्था जरा सी भी कम नहीं होती है। इससे ये भी पता चलता है कि साधक शिव जी के लिए किसी भी कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। कांवड लेकर गुजरात से आए एक परिवार ने बताया कि वह पहली बार कांवड यात्रा कर रहे है। अपने दोनों बेटे और बेटियों के साथ करीब 11 किलोमीटर आस्था के साथ उन्होंने यात्रा की।

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