मंदिर परिसर में अनेक भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है। शनिवार से आरंभ होने वाले इस आस्था के महाकुंभ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आएंगे। छह दिन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा इसके अलावा गुरुदीक्षा प्राप्त करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित मिश्रा के द्वारा भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम का प्रसारण भी चैनल सहित अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा। जिससे करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को जीवन में गुरु के महत्व और ईश्वर की आस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला ने बताया कि हर साल गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। यहां श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अनेक पंडाल के अलावा, उपचार केन्द्र, शौचालय आदि की व्यवस्था की गई है। वहीं समिति ने भी अपनी ओर से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं जिला प्रशासन भी लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तैयार है।
सीहोर। हर साल की तरह इस बार भी कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन अंतराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में किया जाएगा। शनिवार से होने वाले इस भव्य आयोजन को लेकर गत दिनों प्रशासन और समिति की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर पंडित मिश्रा सहित समिति और आस-पास के क्षेत्रवासी शामिल हुए। वहीं गुरु पूर्णिमा महोत्सव को लेकर सेवादार भी आ रहे है। मुंबई से बड़ी संख्या में आए रसोई की सेवा संभालने वाले कुमार सिंह ने बताया कि वह हर साल यहां पर सेवा देने आते है और रसोई के काम के उपकरण स्वयं निर्माण कर सेवा देते है शनिवार से लगातार आठ दिनों तक सैकड़ों की संख्या में सेवादार अपनी सेवा देंगे। भव्य पंडालों का निर्माण किया जा रहा है। करीब 10 एकड़ क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ठहराने, कथा का श्रवण करने, भोजन करने के अलावा अन्य के लिए वाटर प्रूफ पंडाल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। शुक्रवार को विठलेस सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा, मनोज दीक्षित मामा आदि ने यहां पर निर्माण कार्य की व्यवस्था देखी। यहां पर लगाए जाने वाले वाटर प्रूफ पंडाल से आने वाले श्रद्धालुओं को धूप और पानी से बचाएगा। इन पंडाल में एक साथ एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था हो सकती है।

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