- मनुष्य की अंतर दृष्टि ही उसे श्रेष्ठ बनाती हैं : डॉ रोहिताश्व शर्मा

सीहोर। शासकीय कन्या महाविद्यालय सीहोर में महर्षि वेदव्यास पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस चंद्रशेखर आजाद शासकीय अग्रणी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर के प्राचार्य डॉ रोहिताश्व शर्मा ने गुरू के ऐतिहासिक महत्त्व को रेखांकित करते हुए बताया कि गुरू का व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व है। गुरू ही है जो अंधकार से प्रकाश का मार्ग प्रशस्त करता है मनुष्य की अंतर दृष्टि ही उसे श्रेष्ठ बनाती है। इस अवसर पर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ शोभा पी डी चाडंक सदस्य व्यास पूजा गुरु शिष्य परंपरा अखिल भारतीय शिक्षण मंडल मध्य भारत प्रांत सीहोर द्वारा बताया गया गुरु शिष्य की परंपरा का जीवंत रहना परम आवश्यक है। शिक्षा में गुणात्मक एवं परिमाणात्मक विकास, शिक्षा में नवीनता एवं रोचकता, छात्रों में मानक दृष्टिकोण, उत्पन्न करने, नवीन सोच को विकसित करने, समय के सापेक्ष शिक्षा को परिवर्तनशील बनाने में नवाचार की महती भूमिका है। प्राचार्य डॉ मंजरी अग्निहोत्रीने बताया वर्तमान परिवेश में शिक्षा का स्वरूप बदलता जा रहा है, वैश्विक परिवेश में यदि आगे बढ़ना है तो नवीन शिक्षा पद्धति को अपनाना होगा। डा कलिका डोलस द्वारा यह बताया गया शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है, शिक्षक समाज का वह हिस्सा है जो शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाता है। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार डॉ पूजा कश्यप द्वारा किया गया । इस अवसर पर प्रमुख रूप से एनएसएस प्रभारी डॉक्टर कैलास विश्वकर्मा सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वान कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में सहभागिता प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
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