स्कूल से जुड़े कर्मियों का कहना है कि इस प्रतिष्ठित संत माइकल हाई स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरा से स्पष्ट हो गया है कि जिस छात्र को दीघा पुलिस ने पकड़ा है.वहीं छात्र स्कूल में रिवाल्वर लेकर आया आया था.तब जाकर स्कूल प्रशासन ने दीघा पुलिस को बुलाकर छात्र को पकड़वाया. पुलिस ने उसे बाल सुधार गृह भेज दिया. प्रमुख सवाल यह कि “जब स्कूल छात्र को नहीं सुधार सका, तो बाल सुधार गृह क्या सुधार सकेगा?”यह सवाल शिक्षा व्यवस्था, बाल अपराध, पारिवारिक माहौल, और सुधार की प्रकृति पर गहरे विमर्श की मांग करता है. विद्यालय की भूमिका है कि क्या स्कूल ने छात्र में पहले कोई असामान्यता देखी थी?क्या उसके व्यवहार में गिरावट के संकेत थे?यदि थे, तो क्या स्कूल ने काउंसलिंग या हस्तक्षेप की कोशिश की? उसी तरह परिवार और समाज की भूमिका है कि एक 14 वर्षीय बालक रिवॉल्वर तक कैसे पहुंचा?क्या यह पारिवारिक लापरवाही थी या किसी सामाजिक-आर्थिक दबाव का नतीजा?क्या वो खुद को असुरक्षित महसूस करता था? बाल सुधार गृह या दंडात्मक केंद्र? सुधार गृह का उद्देश्य दंड नहीं, सुधार होना चाहिए. लेकिन भारत के कई बाल सुधार गृह अपराधियों की नर्सरी बनते जा रहे हैं. समाधान की दिशा में विद्यालय में काउंसलिंग अनिवार्य हो – मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मौजूदगी ज़रूरी है. परिवार की जवाबदेही तय हो – जांच हो कि हथियार घर से कैसे मिला.सुधार गृह को “रिफॉर्म स्कूल” के रूप में विकसित किया जाए, न कि जेल की तरह. स्कूल प्रशासन को चाहिए था कि छात्र को सुधारात्मक पहल थाने से करवाना चाहिए था.छात्र के अभिभावकों से बॉंड भरवाकर छोड़ देना चाहिए था. क्या हमारा समाज उन किशोरों को सुधारने का प्रयास करता है, या केवल उन्हें व्यवस्था से बाहर धकेल देता है? छात्र के परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रशासन व दीघा पुलिस की मिलीभगत से मामला को गंभीर बनाकर छात्र को गिरफ्तार किया गया है.
पटना,(आलोक कुमार). पटना आर्चडायोसिस में जेसुइट के द्वारा संत जेवियर हाई स्कूल और संत माइकल हाई स्कूल संचालित है.यहां के जेसुइट प्रीस्ट का रवैया लोकल क्रिश्चियनों के विरूद्ध रहा है.संत जेवियर हाई स्कूल के प्राचार्य का असहयोग के कारण दो शिक्षकों को जेल जाना पड़ा.प्रभावित शिक्षकों के संबंध में केस दायर करने वाले शख्स ने संत जेवियर हाई स्कूल के प्राचार्य से मिलकर बात करनी चाही.तब प्राचार्य ने कहा कि इस संदर्भ में बात करने का समय नहीं है.जो कुछ भी कहना और करना है वह थाने में जाकर करे.उसका नतीजा उक्त दोनों शिक्षकों को जेल की हवा खानी पड़ी. इस बीच नवीनतम खबर है कि संत माइकल हाई स्कूल के एक 14 वर्षीय छात्र को पुलिस से पकड़वाने में प्राचार्य की आलोचना हो रही है.वहीं यह कहा जा रहा है कि न केवल स्कूल व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज और पारिवारिक ढांचे पर भी है.

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