- वर्षों की सेवा के बाद भी नहीं मिला हक, शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में वर्षों से समर्पण
रिक्त पदों पर करवा रहे नियमित काम, फिर भी नहीं दिया जा रहा उचित वेतन और दर्जा
कॉलेज में चौकीदार, भृत्य और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे उत्तरदायी पदों पर लगातार 15 से 20 वर्षों से कार्यरत हैं। कर्मचारियों ने बताया कि कॉलेज में लंबे समय से कई पद रिक्त हैं। लेकिन उन्हीं पदों पर इन्हीं कर्मचारियों से कार्य करवाया जा रहा है, फिर भी उन्हें न स्थायीत्व दिया गया, न शासन द्वारा निर्धारित वेतनमान। इन कर्मचारियों की यही मांग है कि उन्हें उनका हक और मान-सम्मान मिले, ताकि वे भी अपने परिवार को गरिमा से जीवन दे सकें — न कि हर महीने की शुरुआत में ही संघर्ष और समझौतों का सामना करना पड़े। शासन द्वारा अकुशल श्रेणी के लिए रुपए 12125, कुशल श्रेणी के लिए रुपए 14844 और उच्च कुशल श्रेणी के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए रुपए 16469 प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया है, लेकिन यह दरें आज तक इन कर्मचारियों को लागू नहीं की गईं। इतना ही नहीं, उन्हें साप्ताहिक अवकाश, आकस्मिक या मेडिकल अवकाश, भविष्य निधि (पीएफ) या किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों ने यह भी बताया कि उन्होंने कई बार कॉलेज प्राचार्य श्रीमती अभिरूचि सिंह को आवेदन दिए, बार-बार निवेदन किया, लेकिन उनकी बातों को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। अब वे थक हारकर जिला प्रशासन से उम्मीद लेकर आए हैं कि कोई तो उनकी वर्षों की मेहनत और वफादारी को पहचानेगा। जनसुनवाई में कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने कर्मचारियों की बातें गंभीरता से सुनते हुए प्रकरण को संज्ञान में लिया और संबंधित प्राचार्य से चर्चा कर शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। आवेदन देने वालों में प्रमुख रूप से रामजीवन राठौर, हेमंत मोराने, राजेश रनसूरमा, सुनील घाघरे एवं ओंकार वर्मा उपस्थित रहे। इन कर्मचारियों की यही मांग है कि उन्हें भी वही वेतन और अधिकार मिलें, जिनके वे वास्तविक हकदार हैं ताकि वे अपने परिवार को सम्मानपूर्वक जीवन दे सकें, न कि हर महीने की शुरुआत से ही चिंताओं और समझौतों का सिलसिला शुरू करना पड़े।

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