1. किसी भी केंद्र सरकार/राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश।
2. 01.07.1987 से पहले भारत में सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/एलआईसी/पीएसयू द्वारा जारी किया गया कोई पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज।
3. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र।
4. पासपोर्ट
5. मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र।
6. सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
7. वन अधिकार प्रमाण पत्र
8, ओबीसी/एससी/एसटी या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी कोई जाति प्रमाण पत्र।
9. नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (जहां भी मौजूद हो)
10. राज्य/स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर।
11. सरकार द्वारा कोई भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र।
उन्होंने बताया कि बिहार की मतदाता सूची में अर्हता तिथि 01.01.2003 तक को पर्याप्त दस्तावेज माना जाएगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी मतदाताओं से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती हेतु मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की अपील की। मतदाताओं विशेषकर महिला, वृद्ध , दिव्यांग वोटर से बातचीत करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि फार्म भरने की प्रक्रिया सहज एवं सुगम है। उन्होंने फार्म भरने की विंदुवार जानकारी दी तथा बांछित दस्तावेज के लिए आयोग द्वारा निर्धारित 11 में से किसी एक डोक्युमेंट को संलग्न कर एक प्रति बीएलओ को जमा करने को कहा। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 का मूल उद्देश्य शुद्ध , पारदर्शी एवं त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना है। उन्होंने कहा कि मतदाता को किसी भी जानकारी के लिए टॉल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कॉल कर सकते है।उक्त अवसर पर एडीएम मुकेश रंजन,डीपीआरओ परिमल कुमार,एसडीओ झंझारपुर कुमार गौरव,बीडीओ झंझारपुर अभिलाषा पाठक सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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