- वैज्ञानिकों ने महोडिय़ा के किसानों को सिखाया देशी विधि से मिट्टी परिक्षण

सीहोर। किसानों को अगर अपनी आर्थिक ताकत में बढ़ोतरी करना है तो खेत की मिट्टी की सेहत को ठीक रखना होगा, क्योंकी खेत की मिट्टी की सेहत बिगड़ी तो किसानों की आर्थिक स्थिति बिगडऩे से कोई नहीं बचा सकता है, उक्त बात मंगलवार को ग्राम पंचायत महोडिय़ा भवन में आयोजित मिट्टी परिक्षण कार्यशाला के दौरान कृषि मृदा विशेषज्ञ वैज्ञानिक शेखर साराभाई ने किसानों को देशी प्रयोग से मिट्टी परिक्षण की विधि बताते हुए कहीं। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद एवं प्रेम बसंत एजुकेशन एण्ड वेलफेयर फाउण्डेशन के द्वारा संयुक्त रूप से मृदा परिक्षण से आजीविका एवं कृषि उत्पादक वृद्धि कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्याशाला का शुभारंभ भगवान हलधर और मां सरस्वती के चित्र पर माल्र्यापण एवं दीप प्रज्जवलित कर वैज्ञानिक शेखर साराभाई,श्रीमति संध्या वर्मा कृषि विशेषज्ञ पदम भण्डारी एवं सरपंच प्रतिनिधि कमलेश कुमार, सचिव गोपाल पटेल,एडीओ प्रियांशी दुबे के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष रामनारायण श्रीवास ने स्वागत भाषण दिया एवं अतिथियों का फूल मालाओं से ग्रामवासियों के द्वारा स्वागत किया गया। कृषि उत्पादक वृद्धि कार्यशाला का संचालन संतोष सिंह के द्वारा किया गया। वैज्ञानिकों ने सरल प्रयोगों के द्वारा किसानों को खेत की मिट्टी मंगाकर परिक्षण करना सिखाया और मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने सहित किस तरह की मिट्टी में मौसम के अनुसार कौन सी फसलों सब्जियों फलों का उत्पादन लिया जा सकता है यह भी सरल भाषा में समझाया। मिट्टी परिक्षण कृषि उत्पादक वृद्धि कार्यशाला में बड़ी संख्या में सम्मिलित किसानों ने भी कृषि मिट्टी प्रशन किए और कृषि वैज्ञानिकों ने उनके जबाव दिए।
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