- आईआईटी बीएचयू से है पुराना नाता, रुड़की के निदेशक भी रह चुके हैं
शिक्षा और प्रशासनिक अनुभव का लंबा सफर
प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने अपनी पूरी उच्च शिक्षा आईआईटी कानपुर से प्राप्त की है। उन्होंने 1986 में बी.टेक, 1988 में एम.टेक और 1995 में पीएच.डी. की डिग्री इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में हासिल की। 1996 में आईआईटी बीएचयू में शिक्षण कार्य शुरू करने के बाद वे आईआईटी रुड़की में प्रोफेसर नियुक्त हुए। इसके बाद 1999 में वे आईआईटी कानपुर लौटे और वहां विभिन्न प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभालीं, जिनमें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष, अनुसंधान एवं विकास डीन तथा उप निदेशक शामिल हैं। अगस्त 2012 में वे आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर बने और 2015 से 'संजय और रचना प्रधान चेयर प्रोफेसरशिप' पर कार्यरत रहे। वर्ष 2017 में वे फिर से आईआईटी रुड़की लौटे, जहां जनवरी 2017 से अक्टूबर 2022 तक संस्थान के निदेशक के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने दोबारा आईआईटी कानपुर में अपनी सेवाएं दीं।
अनेक सम्मान और तकनीकी संस्थाओं से जुड़ाव
प्रो. चतुर्वेदी को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्हें इंडियन नेशनल साइंस अकादमी (INSA) का टीचर्स अवार्ड, आईआईटी कानपुर का विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार और सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी का टैन चिन तुआन फैलोशिप प्राप्त हुआ है। वहीं तकनीकी क्षेत्र में भारत की अग्रणी संस्था टेलीकॉम स्टैंडर्ड्स डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया (TSDSI) के वे संस्थापक सदस्य हैं।
बीएचयू में उम्मीदों का नया अध्याय
बीएचयू के शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर आशा और उत्साह है। माना जा रहा है कि प्रो. चतुर्वेदी की प्रशासनिक दक्षता, शिक्षण अनुभव और तकनीकी दृष्टि बीएचयू को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई दे सकती है।

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