- कौन है यह ऑटो वाला आइए जानते है इनके बारे में
गांव से राष्ट्रपति भवन तक का सफर और राष्ट्रपति भवन में किया लंच
किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन गांव की पगडंडियों से निकलकर एक साधारण ऑटो वाला प्रसिद्ध शिक्षक बन राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय करेगा और राष्ट्रपति के बगल की कुर्सी पर बैठेगा। साधारण युवा मैथेमेटिक्स गुरु बनकर देश-दुनिया के लिए प्रेरणा बन जाएंगे। अपनी कार्यशैली से वो खुद एक संदेश बन चुके हैं। लेकिन ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जो अभाव में रहते हैं वही दुनिया के मानचित्र पर अपनी विद्वता के बूते कृति स्थापित कर चुके हैं। ऐसे ही एक आम लड़के या यों कहें ऑटो वाला से गणितज्ञ बनने का सफर तय किया जो आगे चलकर एक लोकप्रिय शिक्षक बन जाएंगे ये किसे पता था। पर, ऐसा ही हुआ युवा गणितज्ञ आर के श्रीवास्तव के साथ। कल तक जो गांव की दहलीज तक सिमटे रहने वाले आर के श्रीवास्तव दुनिया के मानचित्र पर छा गए। खुद मुफलिसी में जिंदगी गुजारने वाले आर के श्रीवास्तव गरीब और असहाय स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बनाने को संकल्पबद्ध हैं। आर के श्रीवास्तव अबतक 950 स्टूडेंट्स को आईआईटियन बना चुके है और आगे भी आईआईटियन का कारवां निरंतर जारी है।
हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शिक्षक की जिसके शैक्षणिक आंगन से 1 रुपया में पढ़कर स्टूडेंट्स बनते हैं IITIAN, वो कोई और नहीं, वह हैं बिहार की मिट्टी से विश्व में अपनी पहचान कायम करने वाले “मैथमेटिक्स गुरु आर.के. श्रीवास्तव”। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से आशीर्वाद और सम्मान इस लोकप्रिय शिक्षक को मिल चुका है। राष्ट्रपति के साथ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दुनिया के मानचित्र पर मैथेमेटिक्स गुरु आर.के. श्रीवास्तव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इनका पूरा नाम रजनी कांत श्रीवास्तव है। ये भारत के एक मात्र ऐसे शिक्षक होंगे जिनका कोई हेटर्स नहीं मिलेगा,जिन्होंने देश के हर उस बच्चे की मदद करने की सोची जो पढ़ना चाहता है। भारत के प्रतिष्ठित अखबारों और न्यूज पोर्टल पर इनके बारे में खबरें हमेशा छपती ही रहती है।

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