मुख्य अतिथि सुश्री नगमा ज़मीर ने अपने वक्तव्य में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही आवश्यक है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। उन्होंने बताया कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अभी भी कई प्रकार की भ्रांतियाँ और कलंक मौजूद हैं। लोग अक्सर तनाव, अवसाद या चिंता को छिपाते हैं, जबकि यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि किसी भी समस्या को साझा करने में संकोच न करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बातचीत करना ही समाधान की दिशा में पहला कदम है। उनका यह विचार छात्रों के बीच गहरी छाप छोड़ गया। कार्यक्रम के संयोजक व सहायक प्राध्यापक श्री विनायक झा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यह आयोजन छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने मुख्य अतिथि को प्रेरणादायी विचार साझा करने और प्राचार्य महोदय को उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही सभी शिक्षकों और छात्रों के सक्रिय सहयोग की सराहना की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सवाल भी पूछे। उन्होंने कार्यक्रम को उपयोगी और जीवनोपयोगी बताया। अंत में कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए किया गया।
दरभंगा, 19 अगस्त (रजनीश के झा)। दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आज Mental Health Awareness कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट सुश्री नगमा ज़मीर उपस्थित थीं। कार्यक्रम का विषय था – “Breaking the Stigma and Promoting Well-being”। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में विद्यार्थियों पर पढ़ाई और करियर दोनों का दबाव रहता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ विद्यार्थी ही समाज और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान कर सकते हैं। उन्होंने सभी छात्रों को आह्वान किया कि वे अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय परिवार, मित्रों और शिक्षकों से साझा करें और सकारात्मक सोच विकसित करें।

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