- गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति और लो-वोल्टेज समस्या से राहत की उम्मीद, नए उपकेंद्र, ट्रांसफार्मर और हाई-टेक लैब से सुदृढ़ होगा बिजली नेटवर्क
- योजना में नए उपकेंद्र, 33 केवी लाइनें और हजारों ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि जैसे कार्य शामिल
लो-वोल्टेज की पुरानी समस्या पर वार
योजना में कैपेसिटर से संबंधित कार्यों को भी शामिल किया गया है। इससे लो-वोल्टेज की वह समस्या दूर होगी, जिससे गांव-गांव और कस्बों के उपभोक्ता वर्षों से परेशान रहे हैं। ट्रांसफार्मर जलने की घटनाओं पर भी लगाम लगाने के लिए एलटी सुरक्षा कार्यों पर अलग से 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
गुणवत्ता पर भी ध्यान
सिर्फ ढांचा खड़ा करने पर ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया गया है। इसी मकसद से एक हाई-टेक लैब विकसित की जाएगी, जहां इन-हाउस सामग्री परीक्षण होगा। इसका सीधा असर काम की टिकाऊपन और उपभोक्ताओं की संतुष्टि पर पड़ेगा।
समयबद्धता ही होगी असली चुनौती
योजना भले ही महत्वाकांक्षी हो, लेकिन असली कसौटी इसका समयबद्ध क्रियान्वयन होगा। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर सभी कार्यों को आगामी गर्मियों से पहले ही संपन्न कराया जाए। यदि यह योजना तय समय में लागू हो जाती है तो यह पूर्वांचल में बिजली सुधार का नया अध्याय साबित होगी।
आम उपभोक्ता की उम्मीदें
बनारस निवासी अशोक जायसवाल कहते हैं, “गांव में रोज़ाना कई बार लाइट चली जाती है, गर्मी में सबसे ज़्यादा दिक्कत होती है। अगर यह योजना समय पर पूरी हुई तो लोगों की बड़ी समस्या हल हो जाएगी।” वहीं, भदोही की गृहिणी मीना देवी का कहना है, “लो-वोल्टेज से पंखे और फ्रिज जैसे उपकरण ठीक से चलते ही नहीं। कैपेसिटर लगेगा तो सच में बहुत राहत मिलेगी।” जनता की यह उम्मीदें ही इस योजना की असली कसौटी हैं। यदि वाकई उपभोक्ताओं तक बेहतर आपूर्ति पहुंची, तो पूर्वांचल की तस्वीर बदलना तय है।
योजना के मुख्य कार्य
11 नए उपकेंद्रों का निर्माण
25 नई 33 केवी लाइनों का निर्माण
34 पुरानी 33 केवी लाइनों का सुदृढ़ीकरण
52 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि
158 नई 11 केवी लाइनों का विभक्तिकरण
7493 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि
2133 विविध सुरक्षा कार्य (वीसीवी, अर्थिंग आदि)
इसके साथ ही, वितरण परितर्वकों के एलटी सुरक्षा कार्यों पर लगभग ₹50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इससे ट्रांसफार्मर जलने की घटनाओं में कमी आएगी और नेटवर्क अधिक मजबूत होगा।

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