- मेदी-योगी राखी, ऑपरेशन सिंदूर राखी, जय हिंद राखी, वंदे मातरम राखी और भारत माता की जय जैसे नामों वाली राखियों की धूम
देशी राखियों का बोलबाला, चीन पूरी तरह गायब
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने बताया कि इस बार बाजारों में चीन निर्मित राखियां पूरी तरह से गायब हैं। देशी कारीगरों द्वारा तैयार की गई राखियों को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। खादी, कोसा, जूट, मधुबनी कला, सांगानेरी प्रिंट, रेशम और असम की चाय पत्ती से बनी राखियां देश की विविधता को भी दर्शा रही हैं। दिल्ली, मुंबई, नागपुर, कोलकाता, पुणे, जयपुर, झारखंड और बिहार से आई राखियों ने बाजारों को विविध रंगों से सजाया है।व्यापार में उछाल, 500 करोड़ तक पहुंच सकता है कारोबार
बग्गा ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर वाराणसी सहित पूर्वांचल में 500 करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है। मिठाइयों, उपहारों और चॉकलेट की बिक्री से जुड़े कारोबारियों को भी जबरदस्त मुनाफे की उम्मीद है। मिठाई की दुकानों ने त्योहार को देखते हुए विशेष पैकेजिंग और ऑफर्स भी पेश किए हैं।
सरकारी सौगात : महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा
उत्तर प्रदेश सरकार ने रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए रोडवेज बसों में निःशुल्क यात्रा की घोषणा की है। इससे दूरदराज के इलाकों में रहने वाली बहनों को भाइयों तक पहुंचने में सहूलियत मिलेगी। सरकारी निर्णय से आमजन में सकारात्मक संदेश गया है।
फौजियों को राखी भेज रहीं बहनें, भावनाओं का अटूट बंधन
वाराणसी सहित देशभर में इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सेना के जवानों को राखी भेजने की परंपरा भी जोर पकड़ रही है। विभिन्न सामाजिक संगठनों, स्कूलों और परिवारों की ओर से फौजियों को राखियां भेजी जा रही हैं। इससे रक्षा पर्व का दायरा घर-परिवार से बढ़कर राष्ट्ररक्षा तक पहुंच रहा है।


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