फतेहपुर : "गांव की प्रगति का जिम्मा, जनता की उम्मीदों का बोझ—ग्राम पंचायत अधिकारी की जुबानी…" - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 31 अगस्त 2025

फतेहपुर : "गांव की प्रगति का जिम्मा, जनता की उम्मीदों का बोझ—ग्राम पंचायत अधिकारी की जुबानी…"

  • जमीनी हकीकत से लेकर सरकारी योजनाओं तक—ग्राम पंचायत अधिकारी का खुला संवाद

शीबू खान के साथ पंचायती संवाद

Sakshatkar-fatehpur
गांव की सरकार यानी ग्राम पंचायत, जहां से विकास की नींव रखी जाती है। केंद्र और राज्य सरकार की जितनी भी योजनाएं आम जनता तक पहुंचती हैं, उनकी सफलता का पहला पड़ाव होता है ग्राम पंचायत। और इस पंचायत की रीढ़ है—ग्राम पंचायत अधिकारी। इनकी जिम्मेदारी सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं होती, बल्कि गांव के हर नागरिक तक सरकारी योजनाओं को सही तरीके से पहुंचाना और विकास कार्यों को धरातल पर उतारना ही इनका असली काम है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, आवास, शौचालय और मनरेगा जैसे कार्यों की निगरानी व पारदर्शिता इन्हीं के भरोसे टिकी रहती है। आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं एक विशेष साक्षात्कार, जिसमें ग्राम पंचायत अधिकारी से खुलकर बातचीत होगी। इस बातचीत में जानेंगे—गांव के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? जनता की अपेक्षाओं पर वे किस तरह खरे उतरते हैं? और सरकार की योजनाओं को पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए वे कौन से कदम उठाते हैं? "सवाल जनता के, जवाब पंचायत अधिकारी से—आइए मिलते हैं ऐरायां विकास खण्ड में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी बिपिन कुमार तिवारी से एक खास बातचीत में।"


सवाल : ग्राम पंचायत अधिकारी के रूप में आपकी प्राथमिक जिम्मेदारी क्या है?

बिपिन तिवारी : मेरी पहली जिम्मेदारी यही है कि ग्राम पंचायत में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। ग्रामवासियों को उनकी जरूरतों और अधिकारों के अनुसार सुविधाएँ उपलब्ध कराना तथा पंचायत सचिवालय को ग्रामीणों की समस्याओं और योजनाओं का केंद्र बनाना।


सवाल : आपने कहा कि "ग्रामवासियों का काम पंचायत सचिवालय से ही होगा", इसका क्या तात्पर्य है?

बिपिन तिवारी : देखिए, अब समय बदल रहा है। पहले ग्रामवासी छोटे-छोटे कामों के लिए ब्लॉक या तहसील के चक्कर लगाते थे, लेकिन अब पंचायत सचिवालय ही उनकी पहली चौखट होगा। चाहे प्रमाणपत्र से जुड़ा कार्य हो, सरकारी योजनाओं की जानकारी हो या फिर शिकायत दर्ज करनी हो—ग्रामवासी सीधे सचिवालय आएंगे और उन्हें यहीं समाधान मिलेगा।


सवाल : सरकारी योजनाओं का लाभ आमतौर पर पात्र लोगों तक नहीं पहुँच पाने की शिकायते आती हैं। आप इस चुनौती को कैसे देखते हैं?

बिपिन तिवारी : यह सही है कि अतीत में कई पात्र लोग वंचित रह गए, लेकिन अब शासन की मंशा है कि हर पात्र को योजना का सीधा लाभ मिले। हम डिजिटल माध्यमों और पारदर्शी चयन प्रक्रिया से सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। मैं व्यक्तिगत रूप से यही प्रयास करता हूँ कि लाभार्थियों का नाम समय से दर्ज हो और उन्हें योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।


सवाल : पंचायत स्तर पर कौन-कौन सी प्रमुख योजनाएँ ग्रामीणों को मिल रही हैं?

बिपिन तिवारी : फिलहाल मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, छात्रवृत्ति योजनाएँ, आयुष्मान भारत, मुफ्त राशन, जल जीवन मिशन, समाज कल्याण एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाएं, महिला बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की योजनाएं, स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं, पीएम किसान सम्मान निधि और ग्रामीण सड़क निर्माण जैसी कई योजनाएँ चल रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि इन सभी का लाभ वास्तविक पात्र तक पहुँचे।


सवाल : ग्राम पंचायत अधिकारी के रूप में आपका संदेश ग्रामवासियों के लिए क्या है?

बिपिन तिवारी: मेरा ग्रामवासियों से यही कहना है कि वे पंचायत सचिवालय को ही अपना केंद्र मानें। किसी भी समस्या या योजना से संबंधित जानकारी के लिए सीधे यहाँ संपर्क करें। पारदर्शिता और सहयोग से ही गाँव का समग्र विकास संभव है।


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