- आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की: : कथा वाचक पंडित चेतन उपाध्याय
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कथा वाचक पंडित श्री उपाध्याय की आगामी कथा बिहार के गया में है और सोमवार को वह रवाना होंगे। इससे पहले उन्होंने शहर के बस स्टैंड के समीपस्थ गीता मानस भवन में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया था, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। रविवार को एक दिवसीय मिलन समारोह के साथ प्रवचन के दौरान कहाकि भागवत कथा सभी ग्रन्थों का सार है, यह तो हम जानते हैं मगर इस सार के पीछे जो रहस्य छिपा हुआ है वो कोई नहीं जानता। इस कथा में जो उपदेश अलग-अलग प्रसंगों में दिए गए है उसका पालन करना एवं उसके साथ-साथ मनुष्य जीवन में इस कथा के प्रत्येक प्रसंग के महत्व को समझकर उस पर चिंतन मनन करते हुए मनुष्य जीवन यापन करना ही मानव का धर्म है और यही भागवत पुराण सीखा रहा है। भगवान श्री कृष्ण अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है। आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित के साथ कथा श्रवण करने की और इस सार को समझने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है।

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