क्यों खास है यह प्रतिमा?
वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक: इसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।
पर्यावरण-अनुकूल निर्माण: 1,800 टिश्यू पेपर के डिब्बे, 22 किलो गोंद और 45 किलो लोहे का इस्तेमाल।
विशेष कला का नमूना: मूर्तिकार राजेश दिगंबर मयेकर ने इसे तैयार किया है, जो 2007 से इको-फ्रेंडली गणपति प्रतिमाएं बना रहे हैं।
भव्यता का प्रतीक: 26 फीट ऊंचाई और 300 किलो वजन इसे अद्वितीय बनाते हैं।
अनावरण के अवसर पर अरुण कुमार शर्मा ने कहा, “यह सिर्फ ऊंचाई का रिकॉर्ड बनाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संदेश है कि उत्सव मनाने के साथ-साथ प्रकृति की रक्षा करना भी हमारी जिम्मेदारी है।” गौरतलब है कि कोरोना काल में अरुण कुमार शर्मा ने पहली बार इको-फ्रेंडली गणपति की पहल की थी और अब यह रिकॉर्ड तोड़ प्रतिमा उनके उसी विज़न का विस्तार है। मुंबई अब “बूमरैंग का राजा” के साथ गणेशोत्सव को भव्यता, जिम्मेदारी और वैश्विक मान्यता के साथ मना रही है।

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