- दस साल में 4400 बच्चियों को किया कंप्यूटर में दक्ष, अब योजना 5 हजार को दें प्रशिक्षण
- ढींगरा फैमिली फाउंडेशन ने मनाया प्रवेश उत्सव
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सीहोर। जो लोग भी जीवन में असफल होते हैं। उनके प्रयासों में कोई भी कमी नहीं होती है। और न ही उनकी दक्षता में कोई कमी होती है। बस कमी होती है तो लक्ष्य निर्धारित होता है, तो हम उस दिशा में काम करते हैँ और यदि लक्ष्य निर्धारित नहीं होता है तो हम भटक जाते हैँ, उक्त बातें समाज सेवी अखिलेश राय ने ढींगरा फैमिली फाउंडेशन द्वारा आयोजित निशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित प्रवेश उत्सव के दौरान कही। कार्यक्रम में आयोजन ढींगरा फैमिली फाउंडेशन द्वारा स्थानीय कार्यालय पीसी लैब सम्राट काम्प्लेक्स में किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि समाज सेवी अखिलेश राय , जगदगुरू अजय पुरोहित, महाराष्ट्र समाज के सचिव सुनील भालेराव मौजूद रहे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण संस्था के प्रतिनिधि साहित्यकार पंकज सुबीर ने दिया। उन्होंने बताया कि हम अब तक पिछले 11 साल में 4400 बालिकाओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर चुके हैं। हमारे पास हर साल करीब 4 हजार आवेदन आते हैं, जिनमें से सिफ 400 का ही चयन हम कर पाते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम एक भी छात्रा को निराश न करें 5 हजार छात्राओं को प्रतिवर्ष प्रशिक्षण दे सकें। कार्यक्रम में मौजूद सुनील भालेराव ने कहा कि ढींगरा फैमिली फाउंडेशन के केन्द्र पर सिर्फ कंम्प्यूटर शिक्षा ही नहीं दी जाती है, समय समय पर काउंसिलंग के जरिए व्यक्तित्व विकास भी किया जाता है। वहीं जगद गुरू अजय पुरोहित ने कहा कि लक्ष्य निरंतर बदलते रहना चाहिए, एक उपलब्धि और लक्ष्य प्राप्त होते ही आगे बढऩा चाहिए। और नया लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यरूप से पंखुरी पुरोहित, शहरयार खान, सुनील पेरवाल, शिवम गोस्वामी और अरविंद पेरवाल उपस्थित रहे।
आने वाली पीढ़ी के बने मिशाल
शनिवार को ढींगरा फैमिली फाउंडेशन का निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रवेश उत्सव के लिए आयोजित कार्यक्रम का तीसरा सत्र आयोजित किया गया था, इसके पूर्व दो सत्र और आयोजित किए गए थे, पहले सत्र में आइसेक्ट ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जोनल हेड राजेश शुक्ला और राज्य समन्वयक संतोष उपाध्याय मौजूद थे। दूसरे सत्र में समाजसेवी लोकेन्द्र मेवाड़ा और अनिल पालीवाल बतौर मुख्यअतिथि शामिल रहे । इस दौरान उन्होंने बालिकाओं को प्रोत्साहित किया कि वह अपनी आने वाली पीढी के लि मिशाल बनें।
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