- राजस्व प्रशासन एवं पुलिस ने नहीं किया कोई कार्यवाही

फतेहपुर (शीबू खान)। फतेहपुर सदर तहसील क्षेत्रांतर्गत थाना हुसैनगंज की बेरा गढ़ीवा ग्रामसभा में सरकारी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा करने का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। आपको बता दें कि ग्रामसभा की गाटा संख्या 1341ग, जो राजस्व अभिलेखों में खलियान नंबर के रूप में दर्ज है, पर कुछ दिनों पहले ही राजस्व टीम ने अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया था। पिछले शनिवार को लेखपाल व कानूनगो की मौजूदगी में राजस्व विभाग की टीम ने खलियान की जमीन को चिन्हित करते हुए अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया था। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी कुछ लोग दोबारा इस सरकारी भूमि पर कब्जा करने की कोशिश में जुटे हैं। ग्रामीण सूत्रों के अनुसार, रविवार को अरुण कुमार मिश्रा पुत्र स्वर्गीय कृष्ण बिहारी नामक व्यक्ति द्वारा जबरन खलियान की जमीन पर कब्जा करने की नियत से खूंटा गाड़ा जा रहा था। यह देखकर गांव के लोग एकत्रित हुए और इस प्रयास का विरोध किया। मामला बढ़ने की आशंका पर ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचित किया है। गांव वासियों का कहना है कि जब राजस्व टीम ने जमीन खाली कराकर स्पष्ट रूप से इसे खलियान के रूप में सार्वजनिक उपयोग हेतु छोड़ा है, तब ऐसे दबंग तत्वों द्वारा दोबारा कब्जा करना सीधी कानून व्यवस्था को चुनौती है।
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ग्रामसभा की जमीन पर दोबारा कब्जा रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं इस समूचे प्रकरण में गांव के ही अमर सिंह ने बताया कि बीते शनिवार को राजस्व एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन का चिन्हांकन करते हुए हम सभी का कब्जा हटा दिया था जिसके बाद कल रविवार को पड़ोसी अरुण कुमार मिश्रा ने उसी खलिहानी नंबर पर कब्जा करने की नियत से जानवर बांधने का खूंटा गाड़ना शुरू किया जिनको मना किया गया पर वो नहीं माने इसके बाद 112 नम्बर पर सूचना दी गई जिसके बाद भी खूंटा नहीं हटाया गया है वहीं इस प्रकरण की सूचना तहसीलदार सदर, क्षेत्रीय कानूनगो व हल्का लेखपाल आदि को भी दिया गया पर किसी ने कोई सुनवाई नहीं की और बात को टालते रहें। वहीं इस प्रकरण के बाद अमर सिंह ने कहा कि उक्त गाटा संख्या पर स्थायी कब्जा करने वालों के विरुद्ध अब तक राजस्व प्रशासन द्वारा राजस्व संहिता की धारा 67 की कार्यवाही न किया जाना बहुत कुछ और इनकी मिलीभगत का पर्याप्त साक्ष्य है।
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