भूमिहार समाज से आनेवाले शिव कुमार का लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। 14 साल की उम्र में ही 1974 के जेपी आंदोलन के दौरान 28 माह के लिए जेल भी गए थे। शिव कुमार बरबीघा नगर परिषद के सभापति भी रहे हैं। 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव उन्होंने NDA की सहयोगी रालोसपा के टिकट पर लड़ा था। जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार के करीबी माने जाते हैं और ‘बरबीघा बचाओ, बरबीघा बनाओ’ संगठन के जनक भी हैं। जन सुराज पार्टी में शामिल होने के बाद शिव कुमार ने कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान हमपर 45 केस किए गए। मर्डर का भी झूठा केस किया गया। हम 18 साल तक केस लड़ते रहे। किसी वकील ने हमसे एक पैसा फीस नहीं लिया, अगर लेता तो मेरा घर भी बिक जाता। आज की राजनीति में गिरावट की बड़ी वजह है कि अब लोगों की ऊंचाई उनके व्यक्तित्व से नहीं, पद से नापी जाने लगी है।
मिलन कार्यक्रम में रिटायर्ड जज ओम प्रकाश ने भी जन सुराज पार्टी की सदस्यता ली। वे लंबे समय तक पटना समेत कई जिलों में जिला जज के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैं रविदास समाज से आता हूं। न्यायिक सेवा से रिटायर होने के बाद समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा हुई तो लोगों ने सलाह दी कि जन सुराज से जुड़ें। इसी प्रेरणा से मैं आज जन सुराज में शामिल हो रहा हूं। इस मिलन समारोह को पार्टी के प्रदेश महामंत्री किशोर कुमार ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिव कुमार अपने लंबे अनुभव की वजह से हमारी पार्टी के लिए अभिभावक के तौर पर कार्य करेंगे। किशोर कुमार ने बताया कि आज शिव कुमार के साथ कई राजनीतिक दलों के लोग भी जन सुराज में शामिल हो रहे हैं। उनमें प्रो सच्चिदानंद यादव, अनिल सिंह, संजीत चौधरी, दिनेश शर्मा आदि शामिल हैं। सभी अपने अपने इलाके के प्रतिष्ठित लोग हैं और सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं।

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