बेंगलुरु : कर्नाटक भारतीय उद्योग परिसंघ ने जीएसटी सुधारों को सराहा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 6 सितंबर 2025

बेंगलुरु : कर्नाटक भारतीय उद्योग परिसंघ ने जीएसटी सुधारों को सराहा

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बेंगलुरु, 6 सितंबर (विजय सिंह)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की कर्नाटक ईकाई ने बुधवार तीन सितंबर को 56 वीं "वस्तु एवं सेवा कर" (जीएसटी) काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों के पुनर्निर्धारण व सुधारों का स्वागत करते हुए इसे भारत की कर यात्रा में एक मील का पत्थर बताया है। सीआईआई कर्नाटक का मानना है कि सुधार प्रक्रिया  एक सरल, निष्पक्ष और विकासोन्मुख कर प्रणाली की तरफ एक निर्णायक कदम को प्रतिबिम्बित करते हैं जो पूरी तरह से विकसित भारत 2047 की उम्मीदों का प्रतीक है। जीएसटी के दूसरे संस्करण के माध्यम से एक उच्चतर स्तर से न्यूनतम कर अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ते भारत की चाल एक सुगठित परिवर्तनकारी बदलाव की तरफ करता है। सीआईआई का विश्वास है कि सुधार नीति से पारदर्शिता के साथ निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा व्यवसायों को सशक्त करते हुए किसानों, छोटे, मध्यम व लघु ईकाईयों (एमएसएमई) समेत आम नागरिकों को समान रूप से समावेशी विकास को मजबूती करने में भागीदारी का अवसर प्राप्त होगा।


सीआईआई कर्नाटक के अध्यक्ष व एएसएम टेक्नोलॉजी लिमिटेड के संस्थापक सह प्रबंध निदेशक रबीन्द्र श्रीकंठन ने राजधानी बेंगलुरू में कहा कि "सीआईआई जीएसटी सुधारों के सरकार के इस कदम का शिद्दत से स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि कर स्लैब संरचना में सुधार के साथ यह डिजिटल सरलीकरण और तेजी से रिफंड के साथ व्यापार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को विशेष रूप से कम लागतों के साथ लाभान्वित करने वाला प्रयास है । सीआईआई कर्नाटक ने जीएसटी सुधारों का स्वागत राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक के रूप में करने के साथ ही अर्थव्यवस्था के अधिक गतिशीलता को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम बताया। उधोग परिसंघ का कहना है कि केंद्र सरकार का यह कदम एमएसएमई को विकास, नवाचार और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाने वाला है, जिससे कर्नाटक की आर्थिक वृद्धि में तेजी आने की पूरी संभावना है। अब पांच प्रतिशत जीएसटी दर के साथ, उत्पादन अधिक व्यवहारिक हो गया है और उद्योग लाभ की दिशा में लौटता प्रतीत हो रहा है। अधिकांश हस्तशिल्प उत्पाद, चन्नापटना के खिलौने और कच्चे माल अब एक समान कर दायरे के अंतर्गत आने से व्यापार में बढ़ोत्तरी के साथ उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा ।


परिसंघ मानता है कि जीएसटी 2.0 एक प्रगतिशील सुधार है जो विशेष रूप से कर्नाटक के जीवंत एमएसएमई क्षेत्र और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को लाभान्वित करेगा, साथ ही उत्पादन निवेश के बोझ को कम करके, पारदर्शिता के साथ, यह नई  नीति व्यापार करने में आसानी, निवेश को आकर्षित करने और स्थानीय उद्यमों के लिए नए विकास के अवसर पैदा करने में मदद करेंगे। सीआईआई कर्नाटक ने इस दूरदर्शी कदम के लिए भारत सरकार और जीएसटी परिषद की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि मोदी सरकार का यह कदम विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की ओर भारत की यात्रा में तेजी लाएगा और राष्ट्र के लिए एक मजबूत और अधिक लचीला आर्थिक भविष्य को आकार देने में  सहायक होगा।

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